बेनीपट्टी के थानाध्यक्ष घोर लापरवाह हैं, ऐसा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ओम सागर की अदालत का मानना है। और यही वजह है कि बेनीपट्टी थानाध्यक्ष महेंद्र सिंह पर एक महीने में दूसरी बार कोर्ट ने जुर्माना लगाया है। दोनों बार जुर्माना अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ओम सागर की अदालत ने ही लगाया है। बावजूद भी थानाध्यक्ष सुधरने का नाम नहीं ले रहे।

न्यायालय ने एसपी को पत्र लिखकर थानेदार महेन्द्र कुमार सिंह के वेतन से एक हजार रुपये कटौती कर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के लीगल एड खाता में जमा कराने का आदेश दिया है। साथ ही थानाध्यक्ष को नई तारीख 21 जनवरी दी गई है, इस तारीख तक थानाध्यक्ष को केस डायरी न्यायालय में भेजना है। अगर ऐसा नहीं होता है तो थानाध्यक्ष की लापरवाही उनके लिए बड़ी मुसीबत का सबब बन सकती है।

थानाध्यक्ष पर लगे जुर्माने का नया मामला बेनीपट्टी थाना क्षेत्र के पाली गांव निवासी महेन्द्र मिश्र एवं अन्य की ओर से दाखिल अग्रिम जमानत से जुड़ा है। इसी मामले में बीते 6 जनवरी को भी कोर्ट ने थानाध्यक्ष को केस डायरी नहीं भेजने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया था। जिसका थोड़ा भी असर थानाध्यक्ष पर नहीं हुआ और कोर्ट के आदेश की अवहेलना जारी रही। 

कारण बताओ नोटिस पर थानाध्यक्ष की लापरवाह कार्यशैली पर असर पड़ने की उम्मीद पाले अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ओम सागर की अदालत को थानाध्यक्ष ने ठेंगा दिखा दिया। इस मामले में अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जब अभियोजन पक्ष के वकील रामानंद कुमार से केस डायरी तलब किया तो पता चला कि केस डायरी अभी तक नहीं भेजी गई है।

बाद में आवेदक के वकील शिवनाथ चौधरी की दलील पर न्यायालय ने बेनीपट्टी थानाध्यक्ष महेंद्र सिंह के खिलाफ कोर्ट ने जुर्माने का आदेश पारित कर दिया। दरअसल इस मामले में 23 नवंबर 2020 को अग्रिम जमानत के लिए न्यायालय में अर्जी दाखिल की गई थी। लेकिन थानाध्यक्ष की लापरवाही के कारण अब तक इस पर सुनवाई पूरी नहीं हो सकी है।


कई बार फटकार के साथ एक महीने में दो बार लग चुका जुर्माना

इससे पहले भी थानाध्यक्ष महेन्द्र सिंह पर लापरवाही के आरोप में जुर्माना लग चुका है। इसी महीने के पहले सप्ताह में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ओम सागर की अदालत ने महेंद्र सिंह पर एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। न्यायालय ने यह आदेश श्याम बाबू ठाकुर एवं अन्य की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए पारित किया था। इस मामले में भी थानाध्यक्ष पर कोर्ट के आदेश के बावजूद केस डायरी नहीं भेजने का आरोप था। 

मामले में आवेदक के वकील संतोष कुमार गुड्डू की दलील पर न्यायालय ने थानाध्यक्ष के खिलाफ आदेश पारित किया था। इस मामले में भी कोर्ट के तरफ से जुर्माने के आदेश आने से पहले 28 नवंबर 2020 को थानाध्यक्ष पर कारण बताओ नोटिस जारी हुआ था। लेकिन थानाध्यक्ष ने यहां भी कोर्ट के आदेश को नहीं माना था।

यह मामला मारपीट से जुड़ा था, जिसमें आरोपित श्याम बाबू ठाकुर, लालबाबू ठाकुर एवं अन्य की ओर से 9 नवंबर 2020 को अग्रिम जमानत अर्जी न्यायालय में दाखिल की गई थी। जमानत अर्जी पर अंतिम सुनवाई के लिए कोर्ट ने बेनीपट्टी थाना अध्यक्ष से केस डायरी की मांग की थी। जो कि थानाध्यक्ष ने समय पर नहीं भेज सके थे। जिसके कारण उस समय मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो सकी थी। और थानाध्यक्ष पर कोर्ट ने जुर्माना ठोक दिया था।


बता दें कि लापरवाह थानाध्यक्ष का तमगा हासिल करने वाले बेनीपट्टी थाना अध्यक्ष महेंद्र सिंह पर फरियादियों और आम लोगों के तरफ से भी अमर्यादित व्यवहार करने का आरोप लग चुका है। इससे पहले महेंद्र सिंह के खिलाफ एक फरियादी ने परिवाद भी दायर किया था। वहीं आमतौर पर  क्षेत्र में बाइक चोरी व गांवों में हुई चोरी जैसी घटनाओं में एसएचओ महेंद्र सिंह द्वारा सनहा/एफआईआर दर्ज नहीं करने का मामला भी आये दिन सामने आते रहता है। कुछ ऐसे भी मामले हैं जिनमें थानाध्यक्ष के द्वारा चोरी की घटना पर पीड़ित फरियादी से यह कहा गया है कि सारे चोर हमनें पकड़कर जेल में डाल दिये है,  फिर चोरी कौन करेगा... आप झूठ बोल रहे हैं। कई दफे वह फरियादी को थाने से भी भगा चुके हैं


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