बेनीपट्टी(मधुबनी)। स्वयंसेवी संस्था अभ्युदय के राष्ट्रीय अध्यक्ष विभय कुमार झा ने कहा कि जिस प्रकार से पंजाब और हरियाणा के किसानों ने केवल अपने लाभ के लिए बिहार सहित दूसरे प्रदेश के किसानों की अनदेखी की है, वह समझने योग्य है। यही कारण है कि बिहार, झारखंड, बंगाल और उत्तर प्रदेश के किसानों का उनको वैसा समर्थन नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए कृषि कानूनों के जरिए पूरे देश के किसानों के हितों की चिंता की है। इस बात को मिथिला सहित पूरे बिहार के किसान समझते हैं। हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में किसानों ने भाजपा सहित एनडीए के उम्मीदवारों को जिताकर उस पर मुहर लगाई। अभ्युदय के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं युवा भाजपा नेता विभय कुमार झा ने कहा कि हमारी संस्था मिथिला के किसानों के मुददों को लेकर राज्य के कृषि मंत्री सहित केंद्रीय कृषि मंत्री से मुलाकात करेगी। हमारी संस्था इस बात का अध्ययन कर रही है कि मिथिला के किसानों का तेज विकास किस प्रकार हो। मखाना और मछली उत्पादन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। सरकारी स्तर पर जो भी योजनाएं बनाई गई हैं, उसे जमीनी स्तर पर बेहतर क्रियान्वयन के लिए हमारी संस्था संबंधित विभागीय अधिकारियों से भी संपर्क करेगी। इसके लिए हमारे साथी व्यापक कार्ययोजना बना रहे हैं। श्री झा ने कहा कि किसानों के नाम पर विपक्षी दलों ने भारत बंद का आह्वान तो किया, लेकिन जनता का समर्थन नहीं मिला। इससे उन नेताओं का मुखौटा उतर गया है। विभय कुमार झा ने कहा कि संविधान को अमल में लाने वाले का मतलब केवल सत्ताधारी दल से ही नहीं है बल्कि देश के वो तमाम राजनीतिक दल जिनके प्रतिनिधियों को चुन कर देश की जनता संसद, विधानसभा और स्थानीय निकायों में भेजती है, ये सब देश की सरकार का एक अभिन्न हिस्सा है। राजनीतिक दल मिलकर विधायिका को चलाते हैं। सत्ताधारी दल के पास भले ही बहुमत हो लेकिन विपक्षी दलों के सहयोग के बिना सदन चलाना संभव ही नहीं है।