बेनीपट्टी(मधुबनी)। स्वास्थ्य विभाग के अड़ियल रवैये के कारण सुदूर ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधा लोगों के बीच चुनौती बन गयी है। लोग झोला छाप चिकित्सकों के हाथों शोषण हो रहे है, लेकिन विभाग ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के मकसद से संचालित स्वास्थ्य उपकेन्द्र को समय पर चालू नहीं करा पा रही है। वहीं संबंधित अधिकारी भी ऐसे केन्द्रों का निरीक्षण नहीं कर रहे है। अधिकांश स्वास्थ्य उपकेन्द्र किसी खास टीकाकरण के लिए ही खोले जा रहे है। जिसके कारण विभाग की महत्वपूर्ण योजना पर सवाल उठना प्रारंभ हो गया है। प्रखंड के ढंगा स्थित काली मंदिर परिसर के स्वास्थ्य उपकेन्द्र का हाल भी कुछ ऐसा ही है। जहां स्वास्थ्य कर्मी एवं प्रतिनियुक्त एएनएम के लापरवाही एवं उदासीनता के कारण उपकेन्द्र कभी खुलता ही नजर नहीं आता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस केन्द्र को वर्षों से बंद रखा गया है। यदा-कदा ही एएनएम गांव के लोगों को दवा मुहैया करा पाती है। वहीं स्थानीय लोगों ने दबे जुबान से बताया कि एएनएम व स्वास्थ्य कर्मी कभी भी उपकेन्द्र का साफ-सफाई भी नहीं कराते है। गौरतलब है कि उक्त उपकेन्द्र की स्थापना ग्रामीण स्तर पर बीमार पड़ने वाले मरीजों को प्राथमिक उपचार करने एवं विभाग की स्वास्थ्य योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के लिए वर्षों पूर्व ढंगा में उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित की गयी। परंतु उक्त उपकेन्द्र हमेशा बंद ही पाया जाता है। ग्रामीण सूत्रों की माने तो मौसमी बुखार एवं हल्की सर्दी-खांसी होने पर भी बेनीपट्टी अथवा कलुआही जाकर इलाज कराना पड़ता है। जिसमें बीमार के परिजनों को काफी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है।


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