बेनीपट्टी(मधुबनी)। लॉकडाउन में गांव में फंस गए नजरा के युवाओं ने समाज सुधार के लिए ऐसे-ऐसे काम किए है, कि पूरे गांव ही नहीं, बल्कि, पूरे प्रखडं में चर्चा का विषय बना हुआ है। जिसमे तफ़्सीर आलम उर्फ सज्जाद, आकिब जावेद उर्फ ज़ीशान, इक़बाल हसन, तौसीफ मुस्तफा, और इनके कुछ साथी हैं। कोरोना जैसी महामारी में युवाओं ने अपने जान की परवाह किए बिना गांव-गांव में घुमकर लोगों को जागरुक करने के साथ गरीबों को राशन मुहैया कराया। गांव के असहाय लोगों को चिन्हित कर इनके बीच राशन किट का बंटवारा किया जिससे मुश्किल भरे वक़्त में लोगों को कुछ राहत मिली और फिर इन्होंने ऐसे तमाम ज़रूरतमंदों के राशनकार्ड में आई अड़चनों को दूर करा कार्ड के लिए पहल की। गांव-पंचायत में प्रवासियों के लिए मनरेगा योजना से जोड़ने का काम हो या, इन लोगों को आर्थिंक मदद करना। अब युवा गांव में पीड़ितों को तिरपाल मुहैया करा बारिश से बचाव के लिए काम कर रहा है। फिलहाल मेघवन पंचायत में ही 50 से अधिक घरों में अब तक तिरपाल बांट चुके हैं और आगे मेघवन पंचायत के अलावा भी आसपास के दूसरे गांव के ऐसे लोगों के बीच बंटवारे को लेकर सूची तैयार करने में जुटा हुआ है। युवाओं ने बताया कि शुरुआत में अपने और कुछ साथियों के आर्थिंक मदद से लोगों की सहायता कर रहा था, लेकिन अब कुछ लोग स्वतः मदद कर रहे है। सज्जाद ने बताया कि वो लोग पेशे से इंजीनियर है। इसलिए, वो लोगों के दुख दर्द को समझते है।
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