बेनीपट्टी(मधुबनी)। मधवापुर के फर्जी शिक्षक नियोजन व फर्जी शिक्षकों के वेतन भुगतान के मामले की जांच सदर एएसपी कामिनी वाला ने शुरु कर दी है। एएसपी ने बुद्धवार को मधवापुर के बीआरसी पहुंच कर बीआरसी में कार्यरत बीआरपी से घंटो पूछताछ कर अभिलेख के संबंध में जानकारी ली। इस दौरान एएसपी कामिनी वाला द्वारा बीआरपी विरेंद्र कुमार, बीआरपी सह नियोजित शिक्षक विपत्र संवाहक विभूति नाथ झा एवं मुख्यालय सीआरसीसी जितेंद्र कुमार लाल कर्ण से लंबी पूछताछ की । इस क्रम में उन्होंने बीआरपी सह मैसेंजर झा से इससे पूर्व के भुगतान के संबंधी अभिलेखों की मांग की। जिसपर झा ने कोई भी दस्तावेज अपने पास नहीं होने व सभी कागजात बीईओ सह निकासी पदाधिकारी के पास होने की बात कही। बीआरपी ने बताया कि सभी अभिलेख बीईओ उमेश बैठा स्वयं रखते थे। इसलिए, कागजात के संबंध में कुछ भी जानकारी नहीं दी जा सकती है। भुगतान व नियोजन के प्रश्नों के जवाब में कर्मियों ने इन कार्यों का बीईओ की देखरेख में पूर्व के मैसेंजर अनिल लाल कर्ण द्वारा जबकि नियमित शिक्षक का वेतन विपत्र धर्मेंद्र कुमार द्वारा बनाये जाने की बात कही। पूछताछ के उपरांत एएसपी ने बीआरपी को कहा कि बीईओ से बोलिए, सारा अभिलेख जमा करने के लिए, कब तक भाग पाएगा। जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी। बता दें कि इस मामले में जांच प्रतिवेदन के आधार पर जिलाधिकारी ने बीईओ उमेश बैठा एवं मैसेंजर अनिल लाल कर्ण के विरुद्ध डीईओ श्रीराम कुमार को प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया। जिसपर बीते 26 मार्च को डीईओ द्वारा इन दोनों पर नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई थी। प्रखंड में फर्जी शिक्षकों के नियोजन व भुगतान के मामले में पुलिस अचानक सक्रिय भूमिका में आ गयी है। इसके साथ ही पूरे प्रखंड में कई तरह की चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। जांच के बाद मीडियाकर्मियों से एएसपी ने कहा कि सभी पहलुओं पर जांच चल रही है। मामले के आरोपित की गिरफ्तारी जल्द होगी। एएसपी के साथ मधवापुर के एसएचओ अनिल कुमार व एएसपी का रीडर मौजूद थे।