बेनीपट्टी (मधुबनी)। अनुमंडल का दर्जा मिले बेनीपट्टी को भले ही 35 वर्ष गुजर गये, परंतु जनप्रतिनिधियों के उपेक्षा एवं प्रशासनिक उदासीनता के कारण बेनीपट्टी में मूलभूत सुविधाओं की घोर कमी है। स्टेट हाईवे-52 पथ के किनारे में पक्के नाले का निर्माण का मामला हो या संसारी चौक पर बस पड़ाव के निर्माण का मसला, हर मसले पर उदासीनता के कारण समस्या जस की तस की स्थिति में है। लोग परेशान हो रहे है, लेकिन इस सबके बावजूद स्थानीय प्रशासन के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। एक तरफ बेनीपट्टी को नगर का दर्जा देने की सुगबुगाहट होते रहती है, वहीं बेनीपट्टी में अब तक अनुमंडल मुख्यालय के स्तर का विकास कार्य नहीं हो पाया है। स्थिति इतनी खराब है कि बेनीपट्टी के सबसे महत्वपूर्ण लोहिया चौक पर हाईमास्ट लाईट तक नहीं लगाई गयी, नाला के अभाव में होटल व्यवसायी एवं स्थानीय लोग अपने घरों का गंदा पानी सड़कों पर बहाने को मजबूर है। बावजूद समस्या की ओर कोई भी अधिकारी अथवा जनप्रतिनिधि कार्रवाई तो दूर बोलने तक को तैयार नहीं है। बस पड़ाव का मामला फाईलों में लटका मधुबनी जिले का एकमात्र बेनीपट्टी अनुमंडल है, जहां अब तक उदासीनता के कारण बस पड़ाव का मामला लंबित पड़ा हुआ है। जबकि बेनीपट्टी अनुमंडल के ही अन्य प्रखंड में बस पड़ाव की समस्या नहीं है। मधवापुर, हरलाखी व बिस्फी में बस पड़ाव की समस्या नहीं है, लेकिन बेनीपट्टी में बस पड़ाव की समस्या आज भी यथावत स्थिति में पड़ा हुआ है। बस पड़ाव की समस्या के निदान के लिए कई बार प्रशासनिक चहलकदमी की गयी, लेकिन अभी तक बस पड़ाव का निर्माण तो दूर घोषित जगह का भी उपयोग नहीं किया जा रहा है। स्थानीय लोगों की माने तो बेनीपट्टी के पूर्व एसडीओ अबुल हसन, राशिद कलीम अंसारी ने बस पड़ाव का फाईल कई बार स्थल जांच कर डीएम को भेजी थी। परंतु प्रस्ताव फाईलों में ही लटकी रही। उपरांत आईएएस मिथिलेश मिश्रा व आईएएस राजेश मीणा ने भी अपने स्तर से प्रयास किया। सूत्रों की माने तो भूमि पर्याप्त नहीं होने एवं बस पड़ाव के प्रस्तावित जमीन पर दावा किए जाने के कारण पड़ाव की समस्या का निदान नहीं हो पाया। उधर, गत छह माह पूर्व आयुक्त के स्तर से बस पड़ाव की समस्या के निदान के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था। जानकारी के अनुसार उक्त टीम में एडीएम, डीटीओ व बेनीपट्टी सीओ शामिल है। सूत्रों की माने तो अब तक जांच टीम के द्वारा रिपोर्ट नहीं दी जाने के कारण बस पड़ाव का मामला अभी भी संशय के दौर से जूझ रहा है। इस संबंध में पूछे जाने पर एसडीएम मुकेश रंजन ने बताया कि इस संबंध में जानकारी लेने के बाद ही कुछ जानकारी दी जा सकती है।