बेनीपट्टी(मधुबनी)। ब्रह्मपुरा के अकुली में बिरसा मुंडा की 143वीं जयंती समारोह धूमधाम से मनायी गई। उपस्थित बुद्धिजीवियों एवं जनप्रतिनिधियों ने बिरसा मुंडा के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। जयंती समारोह को संबोधित करते हुए मुखिया अजित पासवान ने कहा कि जल, जंगल और जमीन हर आदिवासी के जीने का आधार है। प्रकृति से हमेशा प्यार करने वाले आदिवासी इन्हीं मूल चीजों के साथ जीवन-मरण का संबंध रखते है। बिरसा मुंडा बचपच से ही तेज बुद्धि के थे। वे गरीबी, अत्याचार, शोषण के हमेशा विरोध करते थे। आदिवासी में गरीबी इस जाति पर होने वाले अत्याचार को देख कर वे हमेशा दुखी होते थे। वहीं बीडीओ मनोज कुमार ने कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति प्रेमी होते है। उनका स्वभाव भी प्रकृति की तरह निर्मल होता है। इनलोगों के पास कोई लोभ-लालच नाम का कोई चीज नहीं है। वहीं आरके ठाकुर ने साहुकार, जमींदार, दलालों ने काफी नुकसान पहुंचाया है। जिसका बिरसा मुंडा हमेशा विरोध करते रहे। मौके पर विपति दास, शिवनारायण यादव, सुनीता देवी, वली मोहम्मद, रामखेलावन मरर, शत्रुध्न राम, विजय दास, सहदेव राम, सुबोध राम, सुनील राम, अनिल राम, गणेश दास, दाना देवी, चन्द्रकला देवी, रामजीवन राम सहित कई लोगों ने संबोधित कर बिरसा मुंडा के कृतित्व पर रौशनी डाली।


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