बेनीपट्टी(मधुबनी)। बाढ़ की प्रलय को रोकथाम के लिए विभागीय स्तर पर कार्रवाई प्रारंभ हो गई है। मंगलवार को जल संसाधन विभाग, दरभंगा व बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, झंझारपुर (01) के अधिकारियों ने एसडीएम के साथ पूरे क्षेत्र के महराजी बांध व मरम्मति हुए कटाव स्थल का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने करहारा, बसैठ, रानीपुर, समदा, सौहरोल, त्रिमुहान समेत कई गांव के बांधो का निरीक्षण किया। बसैठ-रानीपुर के बांध सीमा विवाद के कारण मरम्मति से अब तक वंचित रानीपुर के बांध की मरम्मति जल संसाधन विभाग, दरभंगा के द्वारा की जाएगी। गौरतलब है कि रानीपुर गांव में सीमा विवाद को लेकर करीब डेढ़ किमी में बांध की मरम्मति कई वर्षों से नहीं की जा रही है। जबकि स्थानीय अधिकारियों के द्वारा कई बार बांध की मरम्मति की आवश्यकता जतायी है। जल संसाधन विभाग के एसी राजीव कुमार चौरसिया ने बताया कि कोई सीमा विवाद आड़े नहीं आएगी। दरभंगा, जल संसाधन विभाग रानीपुर के बांध का मरम्मत कराएगी। वहीं उन्होंने बताया कि जल संसाधन विभाग की ओर से इस वर्ष दो करोड़ 60 लाख की राशि से आठ जगहों पर कटाव स्थल की मरम्मति कराई है। जिसमें अग्रोपट्टी में दो कटाव स्थल, बसैठ, चानपुरा, रानीपुर, शिवनगर में मरम्मति कराई गई है। वहीं बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, झंझारपुर के सहायक अभियंता लक्ष्मण यादव ने बताया कि उनके विभाग की ओर से करीब चार करोड़ 69 लाख की राशि से चार बांधों की मरम्मति कराई गई है। वहीं सूत्रों की माने तो बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, के द्वारा कराए गए बांध की मरम्मति पर लगातार सवाल उठ रहे है। मिली जानकारी के अनुसार गत बाढ़ में कुल 23 जगहों पर बांध पूर्णरुप से कटाव कर चुका था। जहां इस वर्ष बोरा में मिट्टी रख कर बांध को मजबूत करने का प्रयास किया गया है। लेकिन, स्थानीय लोगों की माने तो प्रयास अधिक कारगर साबित नहीं होगा। वहीं अधिकारियों ने बांध के मजबूती के लिए हर प्रयास किए जाने की बात कही है। मौके पर एसडीएम मुकेश रंजन, अंचलाधिकारी पुरेन्द्र कुमार सिंह, कनीय अभियंता सुनील कुमार, नागेन्द्र राय, सुधीर प्रसाद समेत कई कर्मी मौजूद थे।


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