बेनीपट्टी(मधुबनी)। शिक्षा विभाग के लापरवाही के कारण निजी विद्यालय संचालक मनमानी कर रहे है। जिसे रोकने के पहल अब तक नहीं किया जा रहा है। स्कूल प्रबंधन के द्वारा इन दिनों मनमाने ढंग से नामाकंन फीस, मासिक फीस, प्रगति फीस समेत कई अन्य शुल्क मनमानी ढंग से वसूल रही है। वित्तीय वर्ष-2017-18 के प्रारंभ होते ही नए सिलेबस के नाम पर स्कूल संचालक मनमानी कर रहा है। वहीं चुपके से सभी विद्यालयों ने छात्रों के मासिक फीस के साथ अन्य शुल्क बढ़ा दिए है। सूत्रों की माने तो सभी स्कूलों ने चुपके से एक छात्र पर मासिक फीस के नाम पर अचानक तीन से चार सौ रुपये बढ़ा दिए है। जिसे अभिभावक खासे परेशान है। वहीं पास किए छात्रों को भी शोषण किया जा रहा है। सूत्रों की माने तो अधिकांश स्कूल किताब की एजेंसी से कमीशन तय कर स्कूल में ही खुलेआम किताबें बेच रही है। अभिभावकों ने बताया कि जिस किताब की खुली बाजार में 70 से 80 रुपये में बिक्री की जा रही है। उक्त किताब पर स्कूल प्रबंधन अपना कमीशन सेट कर उक्त पुस्तक को ढाई सौ रुपये में बेच रही है। वहीं प्रबंधन के द्वारा पुस्तक बाहर से नहीं खरीद लाने की भी हिदायत देते दिख रहे है। उधर सूत्रां ने बताया कि प्रशासन व विभाग के अनदेखी के कारण स्कूल प्रबंधन अब किताब के साथ स्कूली ड्रेस की बिक्री भी कर रहा है। मिली जानकारी के अनुसार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के नाम पर इन दिनों निजी स्कूल संचालक छात्रों के साथ अभिभावकों का खुलेआम शोषण कर रहे है। बावजूद प्रशासन इस ओर सख्ती से कार्रवाई नहीं कर रही है। एमएसयू के नेताओं ने अनुमंडल प्रशासन से सभी निजी विद्यालयों के मनमानी पर रोक लगाने की मांग की है। एमएसयू के नेताओं ने बताया कि अगर जल्द ही प्रशासन निजी विद्यालयों के प्रबंधक के साथ बैठक कर मनमानी शुल्क लेने पर रोक नहीं लगाती है तो जल्द ही आन्दोलन किया जाएगा।


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