बेनीपट्टी (मधुबनी)। समाज के मुख्यधारा से जोड़ने के लिए बिहार सरकार की कई योजनाएं संचालित है। बावजूद महमदपुर पंचायत के मल्लिक बस्ती में सरकार की तमाम योजनाएं दम तोड़ रही है। इंदिरा आवास योजना के वाजिब लोगों को जहां आज भी बांस व एस्बेस्टस की घर नसीब हो रही है। वहीं नल का पानी तो दूर तालाब के किनारे गड़ा चापाकल की आयरनयुक्त पानी का सेवन करने के लिए मजबूर है। मुहल्लें के तमाम लोग दिन-भर सूप-पथिया बनाकर आजीविका चला रहे है। वहीं बच्चें स्कूल जाने के बजाए दिन भर खेलते रहते है। जबकि ऐसे बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए सरकार ने टोला सेवक की बहाली की है। महमदपुर पंचायत के वार्ड न0-10 सरिसब के रत्ना चौक के समीप अवस्थित है। सड़क के किनारे वर्षों से अवस्थित मल्लिक बस्ती में सरकार की विकास की सभी योजनाएं बिचौलिया के हाथों चली गयी। जिसके कारण बस्ती में न तो कहीं सड़क का नाम है, ओर न ही कोई विशेष योजनाएं। मुहल्लें के लोगों ने बताया कि इंदिरा आवास के लिए कई बार प्रयास किया गया। दिलाने के नाम पर कई बार ठग लिया गया, लेकिन, अब तक मुहल्लें के अधिकांश लोगों को इंदिरा आवास मुहैया नहीं हो पायी। वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि सरकारी योजनाओं में मूंह देखकर चयन किया जाता है। ऐसी स्थिति में वे लोग हमेशा दरकिनार ही होते रहते है। जानकारी दें कि मल्लिक बस्ती तालाब के किनारे वर्षों से अवस्थित है। तालाब का पानी कचरों से पटा हुआ है। पानी पर धूप पड़ते ही बदबू देना प्रारंभ कर देता है। ऐसी स्थिति में मुहल्लें के करीब बीस परिवार रहने को विवश है। वहीं पलट मल्लिक ने बताया कि बाबू, बारिश में पोखैर के पाईन सबके घर में घुईस जाई छै, तखन भोजनो आफत भ जाईए छैय। पूरे बस्ती का जायजा लेने के बाद यही लगा कि यहां पीड़ितों के बजाए बिचौलियों की अधिक चांदी कटी है।