बेनीपट्टी (मधुबनी)। बिस्फी के पंचायत जनप्रतिनिधि संघर्ष समिति के तत्वाधान में बुद्धवार को आन्दोलनकारियों ने अनुमंडल कार्यालय का घेराव कर सात सूत्री मांगो के समर्थन में नारेबाजी की। आन्दोलन कारी समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं होने का आरोप प्रशासन पर लगाते हुए यथाशीघ्र समस्याओं का बिंदूवार निदान किए जाने की मांग की। आन्दोलन की अध्यक्षता बिस्फी प्रमुख शीला देवी कर रही थी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुखिया गंगानाथ झा ने कहा कि प्रशासन की गलतियों का खामियाजा आम जनप्रतिनिधि भुगत रहे है। जबकि सारा लापरवाही प्रशासन के द्वारा की जा रही है। प्रशासन बेवजह बैठक कर समस्या का निदान कराने की बात करती है, लेकिन धरातल पर एक भी समस्याओं का निदान नहीं कराया जाता है। जिसके कारण पंचायत जनप्रतिनिधि प्रशासन से लेकर जनता के नजरों में किरकिरी बने हुए है। वहीं वक्ताओं ने अनुमंडल प्रशासन से पेंशन की योजना स ेअब तक बंचित लाभुकों को राशि दिलाने की जोरदार मांग करते हुए कहा कि कई लाभुकों की पेंशन स्कीम में स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है,लेकिन वर्षो से लाभुकों के खातों में राशि नहीं आ रही है। पेंशन की राशि के लिए वृद्ध सरकारी कार्यालयों की खाक छानने के लिए मजबूर है। ऐसी स्थिति में भी वृद्ध जनप्रतिनिधि को ही दोषी मानती है। जबकि दोष प्रशासन का है। वक्ताओं ने 60 वर्ष के उपर के लोगों को वृद्धावस्था पेंशन देने, बाढ़ की मुफ्त सहायय राशि से बंचित लोगों के खातों में राशि भेजे जाने, राशन कार्ड से बंचित लोगों को कार्ड व किरासन तेल मुहैया कराने, कन्या विवाह योजना एवं कबीर अंत्येष्ठि योजना के लाभुकों को राशि दिलाने, वर्ष-2013 से अभी तक लंबित प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को अंविलंब पुरा कराने एवं बाढ़ में ध्वस्त सड़कों की मरम्मत करा कर यातायात को चालू कराने, बिजली विभाग के द्वारा फर्जी बिल उगाही पर रोक लगाने एवं दोषी कर्मी पर कार्रवाई करने एवं सरकार के द्वारा पंचायत प्रतिनिधि के अधिकार में कटौती वापस किए जाने की जोरदार मांग की। इससे पूर्व आन्दोलनकारी मुख्यालय के अंबेडकर चौक से अनुमंडल कार्यालय परिसर तक जुलूस के रुप में गयी। जहां अनुमंडल पर पहुंचते ही कार्यालय का घेराव कर जनसभा के रुप में तब्दील हो गयी। मौके पर उप प्रमुख चांद उस्मानी, घनश्याम ठाकुर, श्रवण कुमार कपड़ी, मो. अफरोज, अमजद परवेज, रहमत आलम, मंजय मंडल, शिवचन्द्र पासवान, संतोष पासवान, कफील अहमद, मो. तनवीर समेत कई पंचायत प्रतिनिधि व आम लोग शामिल थे।