बेनीपट्टी (मधुबनी)। जल संसाधन विभाग के उदासीनता के कारण वर्षों से अनवरत बह रहे बछराजा नदी की सफाई नहीं कराई गयी है। नदी में भारी मात्रा में गाद के जमा होने से पूरा नदी दलदली बना हुआ है। वहीं नदी की सफाई नहीं होने से नदी के असतित्व पर खतरा मंडराने लगा है। बछराजा नदी काफी गर्म मौसम में भी बहता रहता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि बछराजा नदी सीधे पहाड़ की तलहटी से निकल कर बहती है। जिसके कारण नदी में हमेशा पानी भरा रहता है। लेकिन, बछराजा नदी में न तो स्लुईस गेट का निर्माण कराया गया, न ही नदी की तलहट को सफाई कराई जा रही है। जहां पानी के एकत्रित होने पर पटवन कराया जा सके। नदी किनारे की मिट्टी के कटाव होने से नदी खत्म हो रही है। जिसको बचाना प्रकृति के दृष्टिकोण से बहुत ही आवश्यक है। गौरतलब है कि अधवारा समूह की सहायक बछराजा नदी पटवन के दृष्टिकोण से सदियों से किसानों का सहायक नदी साबित होता रहा है। लेकिन हालिया वर्षों से नदी की समुचित साफ-सफाई नहीं होने के कारण नदी अपना रुख बदलने के लिए मजबूर है। जबकि अधवारा समूह के अन्य नदियों के अपेक्षा बछराजा नदी सालों भर पानी से आबाद रहने वाला नदी है। वहीं इसकी पानी काफी साफ होती है। जहां किसान अपने पशुओं को नहाने के साथ पटवन के तौर पर नदी के पानी का उपयोग करते है। सरिसब गांव के पंडित विद्याधर झा, त्रिलोक झा, प्रदीप झा, विजय कुमार यादव, पवन भारती, श्रवण यादव सहित कई किसानों ने बताया कि बछराजा नदी के पानी को रोकने के लिए अकौर में निर्मित स्लुईस गेट के कारण नदी का पानी सीधे प्रवेश नहीं कर पा रहा है। पानी के रोकथाम न हो तो नदी हमेशा पानी से लबालब की स्थिति में रहेगा। जिससे किसानों को सालों भर पटवन की समस्या से निजात मिल सकेगा। किसानों ने यथाशीघ्र बछराजा नदी के भविष्य को बचाने के लिए गाद की सफाई कराने की मांग की है।