बेनीपट्टी (मधुबनी)। दैवा हो दैवा, आब केना क चारो बेटी के वियाह हैते हो दैवा, हम कुन कसूर कैने रही, जै हम्मर सुहाग उजायैर दैल हो भगवान। अपने जीवनसाथी धर्मेंद्र यादव के असमय दुर्घटना में खोने के दर्द में बार बार होश आते ही चित्कार मारते हुए मृतक की पत्नी उषा देवी चीख पड़ती है। मृत युवक धर्मेंद्र यादव की चार पुत्री अपने पिता को खोने के दर्द में घर के बरामदे पर बेसुध पड़ा हुआ है। छोटी पुत्री मात्र नौ माह के होने के कारण कुछ समझ नहीं पा रही है। वहीं अन्य बहनें अपने मां एवं दादी को रोते देख उसके साथ रोने लगत बड़ी बेटी श्रृचा कुमारी बार बार दरबाजे की दौड़ कर घर के आगे खड़े लोगों से अपने पिता को लाने की जिद कर रही है। मृतक के दरबाजे पर मातमपूर्सी के लिए आये सभी लोगों की आंखे नम है। पिता किनारे खड़ा अपने भाग्य को कोस रहे है। गौरतलब है कि मंगलवार की देर शाम सोईली गांव के विपत्ति यादव का पुत्र धर्मेंद्र यादव की मौत सोईली पूल पर एक ट्रक के टक्कर में हो गयी। मृतक गांव में शादी में साउंड सिस्टम लगाकर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहा था। उसे क्या पता था, कि आज हनुमान मंदिर पर भजन के दौरान उसकी मौत होने वाली है। मोबाईल पर आयी कॉल उसकी आखिरी कॉल साबित हो गयी। मोबाईल पर बात करने के दौरान टक्कर लगने से उसकी मौत हो गयी। मृतक की मां पाली पंचायत के वार्ड न0-01 की वार्ड पार्षद है। पूर्व मुखिया सह जदयू नेता राजेन्द्र मिश्रा ने बताया कि मृतक पूरे गांव में सीधा लड़का था। आस्था के प्रति विशेष लगाव होने के कारण हर मंगलवार को हनुमान मंदिर पर भजन संध्या में शामिल होता था।