बेनीपट्टी(मधुबनी)। साहित्य अकादमी से सम्मानित श्याम दरिहरे को रविवार को उनके पैतृक गांव बरहा में सम्मानित किया गया।श्याम दरिहरे को वर्ष-2016 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।श्याम दरिहरे ने सरकारी नौकरी में होते हुए भी साहित्य व मैथिली के प्रति प्रेम के कारण कई पुस्तकों का संपादन किया।बरहा के भैरव पुस्तकालय परिसर में लोगों को प्रेम देखकर श्याम दरिहरे ने कहा कि वे गांव के इस मिट्टी को नमन करते है।जिसके कारण उन्हें सम्मान दिलाया।गांव के परिवेश में पायी शिक्षा के कारण आज वो इस मुकाम पर पहुंच पाये है।सम्मान समारोह की अध्यक्षता शंकर सुमन झा ने किया।सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए साहित्यकार अजित आजाद ने लोगों को श्याम दरिहरे का साहित्य प्रेम के संबंध में कई रोचक बातें रखी।गौरतलब है कि श्याम दरिहरे को साहित्य अकादमी पुरस्कार उनकी कथा संग्रह बड़की काकी एट हॉट मेल डॉट कॉम के लिए दिया गया।परंतु श्याम दरिहरे ने सरिसो में भूत, कनुप्रिया, गंगा नहाना अभी बांकी है, क्षमा करब हे महाकवि, मैथिली उपन्यास धुरी आउ मान्या समेत कई संग्रह की रचना की।कार्यक्रम की शुरुआत राजकुमार झा के द्वारा स्वागत भाषण से किया गया।मौके पर समाजसेवी अभिषेक कुमार झा ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बरहा हमेशा से क्रांतिकारी की धरती रही है।जहां से कई ऐसे लोग निकले है, जिन्होंने समाज के साथ प्रदेश एवं देश पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है।सांसद भोगेंद्र झा, दिल्ली के पूर्व विधायक अनिल झा एवं फिलहाल हुए दिल्ली के एमसीडी चुनाव में एक बार फिर बरहा के दो लोगों ने चुनाव जीत कर बरहा का नाम रोशन किया है।उसी तरह देश स्तर पर श्याम दरिहरे ने साहित्य पुरस्कार लेकर पूरे ग्रामीण का गर्व करने का मौका दिया है।इसके लिए सभी ग्रामीण उनके प्रति कृतज्ञ है।सम्मान समारोह के दौरान आयोजक मंडली के द्वारा प्रसिद्ध नाटककार महेंद्र मलंगिया, चंद्रमणि झा, कमल मोहन चुन्नू, श्रृषि वशिष्ठ, सतीश साजन, विनोद झा सहित कई लोगों को पाग-डोपट्टा से सम्मानित किया गया।


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