बेनीपट्टी(मधुबनी)। वाहन दुर्घटना के मामलों में सरकार की राहत राशि देने की घोषणा महज छलावा साबित हो रहा है। सरकार की ओर से घोषित राशि के चक्कर में बिस्फी के जगवन गांव के श्रवण कमती आज सरकार कार्यालयों का चक्कर काट-काटकर तबाह हो गया है। बावजूद दुर्घटना के करीब नौ माह गुजर जाने के बाद भी श्रवण कमती को सरकारी घोषित राशि का इंतजार है। श्रवण कमती दुर्घटना में एक मात्र जीवित अपनी बेटी को लेकर आज भी राहत की राशि प्राप्त करने के चक्कर में दर-दर भटक रहा है। परंतु किसी भी स्तर पर उसे सहायता नहीं मिल रही है। 

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जानकारी दें कि गत 12 मार्च को बेनीपट्टी-मधुबनी एसएच-52 पथ के सुंदरपुर स्थित स्टेट हाईवे पर एक बस की चपेट में आने से श्रवण कमती के पत्नी-पुत्र सहित दो अन्य रिश्तेदार की मौत घटनास्थल पर ही हो गयी थी। दुर्घटना में श्रवण कमती के साले सतगुरु कापड़(17), शम्भू कापड़(30), पत्नी प्रियंका देवी(22) व मात्र नौ माह का पुत्र विक्की कुमार की मौत हो गयी थी। श्रवण कमती ने बताया कि दुर्घटना के समय वो बैंगलुरु में रसोईया का कार्य कर किसी प्रकार अपने परिवार का भरण पोषण करता था। दुर्घटना होने के बाद उसकी जिंदगी ही नरक हो गयी।एक तरह जख्मी पुत्री का इलाज कराना, वहीं उसकी मां की तरह सेवा करना। समय मिलने पर राशि के लिए सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगाना। श्रवण ने बताया कि बसैठ में हुए बस हादसे के समय ऑन द स्पॉट राशि का भुगतान कर दिया गया। लेकिन उनके परिवार के मारे जाने के नौ माह के बाद भी राशि के लिए टकटकी लगाये हुए है। बताते चलें कि श्रवण कमती इन राशि के लिए करीब नौ माह से सारा कार्य छोड़ कर अपनी बेटी व सरकारी राशि के चक्कर में उलझ कर रह गया है। इस संबंध में पूछे जाने पर अनुमंडल पदाधिकारी राजेश परिमल ने बताया कि श्रवण कमती को राशि दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। आपदा मद में राशि उपलब्ध नहीं होने के कारण राशि नहीं दी गयी है। आवंटन प्राप्त होते ही श्रवण कमती को राशि उपलब्ध करा दी जायेगी।


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