हरलाखी(मधुबनी) संवाददाता : प्रखंड कार्यालय उमगांव में उस समय सीओ उमेंश नारायण पर्वत की अफसरशाही का झलक देखने को मिली, जब एक आवेदनकर्ता को लोगों से खचाखच भरी अंचल कार्यालय मे बदसलूकी कर आवेदन फाड़ने तक की धमकी दे दिया। इसके बाद जब विभिन्न अखबार और चैनलों के पत्रकार सीओ का पक्ष लेने गये तो पत्रकारों के साथ भी बदसलूकी की गई। जिससे हरलाखी मे अफसरशाही का राज कायम होते दिख रहा है।
बताते चलें कि मंगलवार की सुबह जमीन अतिक्रमण विवाद को लेकर पिपरौन निवासी जीवेंद्र सिंह जब सीओ उमेश नारायण पर्वत के कार्यालय में आवेदन देने गये तो वहां कर्मचारियों की हाजिरी चेक कर रहे सीओ को आवेदन देकर रिसिविंग माँगा तो सीओ ने फटकार लगाते हुए आवेदनकर्ता के साथ कथित बदसलूकी कर आवेदन फाड़ने की धमकी दे डाली। जिससे मौजूद प्रत्यक्षदर्शीयों को सीओ की अफसरशाही का झलक देखने को मिला। उक्त बातों की जानकारी देते हुए आवेदक जीवेंद्र सिंह ने बताया कि हमारे घर के पास सरकारी रास्ता का कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। इस मामले को लेकर कई बार इससे पहले आवेदन दी गई है, लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी। पहले के आवेदन मे हमे रिसिविंग नही दिया गया था। इस बार आवेदन देकर रिसिविंग लेना चाहता था। मामले के दौरान पक्ष लेने गए पत्रकारों के साथ भी सीओ ने कथित बदसलूकी की। इन सभी बातों से सहज ही अंदाजा लगया जा सकता है कि पदाधिकारी सुशासन बाबु नीतीश कुमार के राज मे किस प्रकार अफसर शाही करते है। इस बाबत बेनीपट्टी डीसीएलआर विष्णुदेव मंडल ने बताया कि मामले की जानकारी नहीं मिली है। अगर पदाधिकारी इस तरह का रवैया अपनाता है तो कार्रवाई की अनुशंसा कर दी जाएगी।
बताते चलें कि मंगलवार की सुबह जमीन अतिक्रमण विवाद को लेकर पिपरौन निवासी जीवेंद्र सिंह जब सीओ उमेश नारायण पर्वत के कार्यालय में आवेदन देने गये तो वहां कर्मचारियों की हाजिरी चेक कर रहे सीओ को आवेदन देकर रिसिविंग माँगा तो सीओ ने फटकार लगाते हुए आवेदनकर्ता के साथ कथित बदसलूकी कर आवेदन फाड़ने की धमकी दे डाली। जिससे मौजूद प्रत्यक्षदर्शीयों को सीओ की अफसरशाही का झलक देखने को मिला। उक्त बातों की जानकारी देते हुए आवेदक जीवेंद्र सिंह ने बताया कि हमारे घर के पास सरकारी रास्ता का कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। इस मामले को लेकर कई बार इससे पहले आवेदन दी गई है, लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी। पहले के आवेदन मे हमे रिसिविंग नही दिया गया था। इस बार आवेदन देकर रिसिविंग लेना चाहता था। मामले के दौरान पक्ष लेने गए पत्रकारों के साथ भी सीओ ने कथित बदसलूकी की। इन सभी बातों से सहज ही अंदाजा लगया जा सकता है कि पदाधिकारी सुशासन बाबु नीतीश कुमार के राज मे किस प्रकार अफसर शाही करते है। इस बाबत बेनीपट्टी डीसीएलआर विष्णुदेव मंडल ने बताया कि मामले की जानकारी नहीं मिली है। अगर पदाधिकारी इस तरह का रवैया अपनाता है तो कार्रवाई की अनुशंसा कर दी जाएगी।