बेनीपट्टी(मधुबनी)।कन्हैया मिश्रा: फर्जी शिक्षकों पर सरकार भले ही कार्रवाई की बात गाहे-बगाहे कहती नजर आती है,मगर हकीकत तो ये है कि विभाग में बैठे कुछ चंद अधिकारी ही सरकार व शिक्षा विभाग के निर्देशों का ताक पर रखकर फर्जी शिक्षकों को बचाने का काम में जुटे रहते है।ताजा मामला बेनीपट्टी अनुमंडल के मधवापुर प्रखंड के साहर गोट स्थित मध्य विद्यालय का है।जहां नियुक्त एक शिक्षक फर्जी शैक्षणिक प्रमाणपत्र पर खूलेआम विद्यालय में कार्यरत है ओर सरकार से मिलने वाली राशि को डकार रहे है।विभाग के पास जांच रिपोर्ट मौजूद होने के बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही है।जी हां,ये सौ फीसदी सच है।मधवापुर के साहर  गोट मध्य विद्यालय में कार्यरत अजीत पासवान नाम के शिक्षक जो एक ही वर्ष 92 में दो अलग-अलग जगहों से परीक्षा देकर शिक्षक की नौकरी पर जमे हुए है।शिकायतकर्ता बिंदा दास ने बताया कि साहरघाट के अजीत पासवान बासोपट्टी के कलना स्थित बलदेव संस्कृत विद्यालय से वर्ष 1992 में संस्कृत बोर्ड के लिए परीक्षा रामाश्रय पासवान के नाम से दिया।जिसमें उसका रौल क्रमांक-182 व कोड 53 था,फिर जालसाजी कर अपना नाम अजीत पासवान रखकर खिरहर मध्य विद्यालय से उसी वर्ष बिहार बोर्ड की परीक्षा दे दी।जिसमें रौल क्रमांक-172 व कोड 6263 था।अब सवाल है कि किस आधार व नियम पर उक्त फर्जी शिक्षक ने परीक्षा दी।शिकायत पर गंभीर जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच कर कार्रवाई का निर्देश मधवापुर प्रखंड नियोजन इकाई को दी।उधर नियोजन इकाई के सचिव सह बीडीओ के निर्देश पर बीईओ उमेश बैठा ने जांच कर मामले को सत्य मानकर रिपोर्ट नियोजन इकाई को सौंप दी।बावजूद प्रखंड नियोजन इकाई कार्रवाई करने के बजाय सरकारी निर्देशों का खूलेआम धज्ज्यिां उडाते नजर आ रहे है।इस संबंध में जब नियोजन इकाई के सचिव सह बीडीओ से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि प्रखंड नियोजन इकाई की बैठक आहूत करने के लिए प्रखंड प्रमुख को कहा गया है।बैठक में उक्त मामले पर कार्रवाई की जायेगी।


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