रिपोर्ट। बिकास झा : प्रसिद्ध मैथिली गायिका पूनम मिश्रा पर गायक सुरेश पंकज के द्वारा लगाये गये गीत "आबि जाऊ कटनी में गाम हे यउ सजना" के चोरी के आरोप से उपजे विवाद का सोशल मीडिया पर जोड़ पकड़ने के बाद आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। गीत चोरी के इस आरोप-प्रत्यारोप के दौर में अन्य मीडिया श्रोतों से आरोप लगाने वाले गायक सुरेश पंकज का पक्ष आने के बाद उपजे विवाद को देखते हुए गायिका पूनम मिश्रा से BNN प्रतिनिधि ने उनसे संपर्क कर उनका पक्ष जानना चाहा। गायिका मिश्रा ने अपना पक्ष रखते हुए सबसे पहले गीत चोरी के आरोप को निराधार बताया साथ ही उन्होंने सुरेश पंकज के इस आरोप को पब्लिसिटी स्टंट करार दिया। उन्होंने बताया की कुछ लोगो की मानसिकता यह है की इस तरह के आरोप लगाकर कलाकारों का मनोबल तोड़ा जाय। जो की बहुत ही दुःखद है।
उन्होंने अपने ऑफिसीयल फेसबुक पोस्ट के बारे में पूछे जाने पर उसे वापस दोहराया। उन्होंने कहा की कोई भी कलाकार जन्म से ही कला का ज्ञान लेकर नही आता है, बल्कि उस उस क्षेत्र में अपने से बड़े कलाकारों को देखकर उसे उस कला का वास्तविक ज्ञान होता है। हमने भी अपने सीनियर सुरेश पंकज और बहुत सारे सीनियर कलाकारों को गाते हुए देख बहुत कुछ सिखा है और अगर आगे भी कला सिखने की चीज़ रही तो ऐसा आगे भी होता रहेगा।

उन्होंने आगे बताया की वर्ष 2003 में गंगा कैसेट के माध्यम से बाज़ार में आये "नवकि सजनियाँ" एल्बम में पूरी टीम काम कर रही थी। जिसमे कुँजबिहारी मिश्र और रामसेवक ठाकुर जी द्वारा लिखे हुऐ गीत को कुञ्जबिहारी मिश्र और मेरे (पूनम मिश्रा) के स्वर में रिकॉर्ड किया गया था। जिसमे कुँजबिहारी मिश्रा जी द्वारा "आबी जाऊ कटनी में गाम हे यो सजना" गीत गवाया गया था। जो की में मात्र एक गायिका के रूप में वह गीत को गायी थी। हमें उस समय कॉपीराईट संबंधी किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं थी। उक्त गीत को कुँजबिहारी मिश्रा और में बिभिन्न मिथिला मंच पर लोगो के सामने गाती थी, जो की श्रोताओं को बहुत पसंद आया। यही कारण था की "नवकि सजनियाँ" एल्बम में उस गीत का संकलन किया गया।
उस समय "आबि जाऊ कटनी में गाम हे यो सजना" के गीतकार रामसेवक ठाकुर जी द्वारा दिया गया था। वास्तविक गीतकार का नाम अज्ञात होने के कारण गीतकार के नाम के जगह मिथिला के सौजन्य से लिखा गया था। जो की यह पूर्व से ही परंपरा रही है।
बाद में एल्बम हीट होने के बाद गीतकार सुधीर झा ने बताया की गीत हमारा लिखा हुआ है। किसी भी एल्बम मे गीतकार, संगीतकार और बहुत सारे लोगो की भूमिका एक टीम के रूप में रहती है। लेकिन इस तरह के आरोप सिर्फ गायिका पर ही क्यों ??
उक्त एल्बम के गीतकार, संगीतकार, साथी कलाकार या एल्बम कंपनी पर क्यों नहीं ??

इस प्रकरण में पूनम मिश्रा पर आरोप लगाने वाले गायक सुरेश पंकज ने कहा था की "हम ई गीत पूनम मिश्रा के एल्बम "नवकि सजनियाँ" रिकॉर्ड होबा स पहिने गेने छी आ पूनम मिश्र इहा गीत गाबि लोकप्रियता प्राप्त केलैन, एक गीतकारक गीत बहुतो गायक गाबि सकैत छथि अहि मे कोनो रोक नहि। मुदा जे गीत लिखनाहर छैथ, हुनकर नाम त कम सं कम द देल जाय"
गीत पर विवाद बढ़ने के बाद गीतकार सुधीर झा ने कहा "आबी जाऊ कटनी में गाम हे यो सजना" गीत हमर लिखल अईछ। एहि गीत केर रिकार्डिंग पहिनहु भेल छैक। गीतकारक नाम लिखल जेबाक चाही"
वहीं "नवकि सजनियाँ" एल्बम के गीतकार रामसेवक ठाकुर ने कहा "गीत हमर लिखल नइ अइछ, हमरा गीत नीक लागल छल आ हम पूनम कें "नवकि सजनियाँ" एल्बम में गेबा लेल देने छलियैन"


इस विवाद पर गायिका पूनम मिश्रा द्वारा अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया है। गायिका मिश्रा ने कहा की मिथिला रंगमंच पर महिला कलाकारों पर इस तरह का झूठा आरोप लगाकर क्षणिक सिद्धि प्राप्त करने का तरीका बहुत गलत है। इस तरह के मानसिकता रखने वाले लोगो को अपनी मानसिकता और सोच बदलनी चाहिये।


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