
बेनीपट्टी। बिकास झा : कहते है की इरादे बुलंद हो तो मंजिल खुद बखुद अपना रास्ता दिखा देती है। कुछ इसी तरह के परिणाम बेनीपट्टी के नवकरही गावं में देखने को मिल रहा है।
किसी भी समाज के विकास का मुख्य आधार शैक्षणिक व्यवस्था है, जो इंसान को सही और गलत के बीच का फर्क समझने के काबिल बनाता है। आज इसी फर्क को जानने एवं समझने में सोशल मिडिया जैसे फेसबुक, व्हाट्स एप्प का प्रयोग मिथिला के विकास के प्रति संकल्पित कुछ डेल्हाईट युवाओं के द्वारा अशिक्षा मुक्त मिथिला के निर्माण में किया जा रहा है। अपनी मिट्टी से दूर दिल्ली में कमा धमा रहे इन युवाओं के ख्वाब को वास्तविक धरातल पे उतारने में इन्हें मिथोम एन. जी. ओ. का भरपूर सहयोग मिल रहा है। मिथोम के सचिव राकेश झा जी.एस. गुरु जो खुद दिल्ली छोड़ मिथिला में आ बसे हैं उनके अनुसार "अशिक्षा मुक्त मिथिला" कैम्पेन के शुरुआत के एक साल पुरे होने को है, पर सबसे बड़ी बात यह है की आज तक इसके कोई भी सदस्य का आपस में एक भी मुलाकात नही हुआ है, इसके सदस्य सिर्फ सोशल मिडिया के माध्यम से गएक दुसरे से बात करते हैं और अपने गांव-घर की समस्याओं पे चर्चा कर उसके निदान का प्रयास करते हैं। इन सबों के बीच सोशल मिडिया फेसबुक और वाहट्स एप्प ही एकमात्र सूत्रधार है जो इनकी आपसी समझ को साझा कर उसे अमलीजामा पहनाने में मदद कर रहा है ।
आज इसी के बदौलत बिहार राज्य के मधुबनी जिले के नवकरही (बुढ़वन) गांव के ब्रह्मस्थान के वट वृक्ष के नीचे ना केवल 250 से अधिक गरीब बच्चों को मुफ़्त शिक्षा बल्कि इनके माता-पिता को स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम से जोड़ रोजगार प्रदान कर उनके आर्थिक स्वाबलंबन का कार्य लगभग एक वर्ष से निर्बाध चल रहा है ।
सचिव राकेश झा जी.एस. गुरु बताते हैं कि ये कैम्पेन आज मधुबनी जिले में इतना अधिक प्रसिद्ध हो गया है की उनको अन्य राज्यों से भी इस तरह के कैंम्पेन के संचालन का दायित्व उठाने का आमंत्रण मिल रहा है । इन युवाओं के जोश को देख सही में अशिक्षा मुक्त मिथिला निर्माण का लक्ष्य नजदीक आता दिख रहा है।

बेनीपट्टी। बिकास झा : कहते है की इरादे बुलंद हो तो मंजिल खुद बखुद अपना रास्ता दिखा देती है। कुछ इसी तरह के परिणाम बेनीपट्टी के नवकरही गावं में देखने को मिल रहा है।