वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में पूरे देश में मोदी मैजिक का डंका बजा तो लगा कि नरेंद्र मोदी के चेहरे पर बीजेपी ने बाजी मार ली है। दरअसल उस मैजिक के पीछे एक 37 वर्ष के नौजवान जो पर्दे के पीछे रहकर सारा खेल किया था,आज उसी युवक के खास रणनीति के आगे मोदी व बीजेपी की सारी योजना फेल हो गयी।आईये जानते है कौन है वो युवक?
यूपी के बलिया जिले का रहने वाला प्रशांत किशोर जो कभी मोदी के खास रणनीतिकार हुआ करते थे,वो आज नीतीश कुमार के साथ उनके कैंप में काम करते है।रविवार को हुई मतगणना के परिणाम आने के बाद पहली बार पर्दे के बाहर आये प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के 1अणे मार्ग स्थित उनके आवास पर जाकर उन्हें बधाई दी तो महागठबंधन के चमत्कारी जीत का रहस्य धीरे-धीरे खुलने लगा।प्रशांत किशोर वर्ष 2011 से पूर्व यूनाईटेड नेशन्स में हेल्थ वर्कर के तौर पर काम कर वापस भारत लौट कर राजनीतिक दलों के संपर्क में आये,और उनके लिए चुनावी कैंपेन में रणनीति बनाने के लिए काम करने लगे।वर्ष 2012 में प्रशांत किशोर नरेंद्र मोदी के टच में आ गये और उन्हें गुजरात में नरेंद्र मोदी के लिए काम करने का अवसर मिला।जानकारों के मुताबिक उस दौरान प्रशांत किशोर का कद इतना बढा हुआ था कि वे गुजरात के सीएम हाउस में रहा करते थे।नरेंद्र मोदी का सीएम के पद पर पुनः ताजपोशी के बाद उनक कद और बढता ही गया,धीरे-धीरे वो दौर फिर वापस आया जब मोदी के चेहरे पर केंद्रीत कर उन्हें लोकसभा का चुनाव में बेहतर काम कर दिखाना था।जानकारों की माने तो प्रशांत किशोर ने ही मोदी को डिजिटल प्रचार-प्रसार करने,एक साथ कई जगहों पर टीवी के जरीये लोगों से सीधा संवाद करने व हर-हर मोदी, घर-घर मोदी जैसे नारों को लोगों के दिलोदिमाग पर बैठाने की रणनीति थी,जो समय पर काम कर गयी।और बीजेपी मोदी के चेहरे पर लोकसभा का चुनाव आसानी से जीत लिया था।सूत्रों कि माने तो मोदी के लिए रणनीति बनाने के एवज में बीजेपी ने प्रशांत किशोर के आगे पीएमओ में किसी खास अहम पद के लिए कहा था,जो समय पर बात नहीं बनी,वहीं कुछ लोगों का कहना है कि मोदी के जीत में अमित शाह अपने लिए जगह खोजने लगे,जिससे प्रशांत किशोर से उनका संबध अच्छा नहीं रहा।
बीजेपी से हटते ही नीतीश की ओर लपके दिसंबर 2014 में मोदी कैंप से हटने के बाद प्रशांत किशोर नीतीश के कैंप में आ गये।मांझी के सीएम बनने के बाद नीतीश को बिहार के सभी 243 विधानसभा क्षेत्र का दौरा करने की सलाह भी प्रशांत किशोर की ही रणनीति थी.हर-हर मोदी के तर्ज पर प्रशांत किशोर ने नीतीश के लिए हर-घर दस्तक कैंपेन करने की सलाह दी थी,वहीं बीजेपी के लिए बनाये गये चाय पर चर्चा की जगह पर्चे पर चर्चा कराने की सलाह भी उन्हीं की बनायी हुई थी।शब्द वापसी व डीएनए के मुद्दे को बिहार के जनमानस के दिलोदिमाग में बैठाकर इस मुद्दे को हवा देने में भी प्रशांत का ही हाथ था।वो जानते थे कि इस भावनात्मक मुद्दे पर बिहार के लोग एकमत हो जायेंगे।
प्रशांत ने जदयू को घर-घर जाने की दी सलाह प्रशांत किशोर जब जदयू के साथ हुए तो वे जानते थे कि जदयू के पास धन की कमी है।जिसको देखते हुए प्रशांत ने पहले तो जदयू के सभी वर्करों को खास प्रशिक्षण दिया।नीतीश कुमार के चेहरे को बिहार के चेहरे में बदल कर उन्हें सोशल साईट पर ला दिया।नीतीश कुमार के सुशासन और विकास की जमकर ब्राडिंग की।विधानसभा चुनाव में धन की कमी को देखते हुए सभी नेताओं को टीवी व प्रिंट विज्ञापनों के बजाय सीधे मतदाताओं के घरों में पहुंचने की सलाह दी।इस दौरान एक खास नंबर से लोगों को नीतीश कुमार की रिकार्ड की गयी मैसेज को लोगों को मोबाईल के माध्यम से सुनाने की भी रणनीति प्रशंात की ही थी।जानकारी दें कि प्रशांत किशोर की टीम में करीब 300 वैसे लोग है जो आईआईटी व आईआईएम के पासआउट है।जानकारी के मुताबिक प्रशांत किशोर 2012 में मोदी से जुडने से पहले अपना मास्टर प्लान लेकर राहुल-सोनिया के पास भी पहुंचे थे,लेकिन कांग्रेस की उसमें खास दिलचस्पी नहीं होने के कारण वे कांग्रेस के साथ नहीं जा सके।
प्रशांत किशोर जा सकते है ममता बनर्जी के साथ आगामी वर्ष में पं.बंगाल में विधानसभा चुनाव होने है।नीतीश कुमार की तरह ममता बनर्जी भी बीजेपी से खासे नाराज रहती है,जिसकों देखते हुए लग रहा है कि प्रशांत किशोर की टीम जल्द ही ममता बनर्जी के लिए चुनावी रणनीति बनाते नजर आये।जानकारी के अनुसार प्रशांत किशोर जल्द ही पश्चिम बंगाल जा सकते हैं।