बेनीपट्टी(मधुबनी)।कन्हैया मिश्रा:मुहर्रम के ताजिया जुलूस को रोकने से उपजी तनाव का असर रविवार को भी मधवापुर में देखी गयी।घटना के दूसरे दिन जहां पूरा विरीत गांव के आसपास अजीब सन्नाटा छाया रहा,वहीं मधवापुर के मुख्य बाजार में एक भी दुकानें नहीं खुली।घटना के बाद होनी वाली प्रशासनिक कार्रवाई की चिंता अब लोगों को सताने लगी है।घटना के संबध में लोग कुछ भी बताने से साफ तौर कतरा रहे है।क्षेत्र भ्रमण के दौरान विरीत गांव के एक समुदाय के लोगों से जब घटना के कारणों के संबध में जानने का प्रयास किया तो उसने नाम न बताने के शर्त पर बताया कि गांव में दो-चार गलत किस्म के आदमी दोनों समुदाय में है,जो आपसी प्यार को तोड देने में लगे हुए है।उन्होंने बताया कि गांव में जो भी घटना हुई,वो बेहद शर्मनाक है।इसी क्रम में अचानक उसके परिजन पहुंच गये तो कुछ भी पूछने और फोटो लेने से साफ मना कर दिये,आगे बढने पर जब दूसरे समुदाय के लोगों से रु-ब-रु हुआ तो घटना की तह खुलने लगी।एक व्यक्ति ने बताया कि दुर्गा की प्रतिमा बिसर्जन कार्यक्रम में देरी होने के बाद जब मूर्ति उक्त मुहल्लें से गुजर रही थी तो उक्त समुदाय के लोगों ने गलत भाषाओं का प्रयोग कर रास्ता रोकने का प्रयास किया।जिससे लोगों में काफी आक्रोश था।वहीं उन्होंने बताया कि प्रशासन उसी समय कार्रवाई करती तो घटना दूसरी दिन नहीं होता।जानकारी दें कि शनिवार को मुहर्रम के मौके पर विरीत का ताजिया निकालने के दौरान दो समुदायों के लोगों में आपसी झडप हो गयी।जिसमें एक पक्ष के पांच लोग जख्मी हो गये।जिला प्रशासन के त्वरीत कार्रवाई के कारण मधवापुर में कोई बडी अप्रिय घटना नहीं हुई,अन्यथा बडी घटना से इंकार नहीं किया जा सकता था।पुलिस अधीक्षक अख्तर हुसैन ने बताया कि बीडीओ के बयान पर दोनों पक्षों के कुल 14 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है।जांच की जा रही है।पुलिस पदाधिकारियों के द्वारा लोगों के मन से भय निकालने के लिए फ्लैग मार्च किया गया है।तत्काल विरीत गांव व आसपास में पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है।