बिशेष रिपोर्ट : ई स्थान मधुबनी जिला मे अछि आ दरभंगा सँ 24 कि०मी० उत्तर आ मधुबनी सँ 12 कि०मी० पश्चिम अछि। ई मंदिर दरभंगा-जयनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पड़ैत अछि। मानल जाइत अछि जे कपिल मुनि द्वारा शिवलिंग स्थापनाक कारण एकर नाम कपिलेश्वर पड़ल। एतय हरदम भक्त लोकनि महादेवक दर्शनक लेल अबैत रहैत छथि। साओन आ शिवराति मे तँ एतय लाखों भक्त जल चढेबाक लेल अबैत छथि।
किछु लोकक कहब छनि जे कपिल मुनिक निवास स्थान मधुबनी जिलाक बेनीपट्टी प्रमंडलक विशनपुर गाम मे छल। किंतु विष्णु पुराणक अनुसार हुनक निवास स्थान पाताल लोक मे छल, जतए इंद्र राजा सगरक अश्वमेघ घोड़ा कें चोरा कें बान्हि देने छलाह आ कपिल मुनिक शाप सँ सगरक पुत्र आ साठि हजार सैनिक कें नष्ट कऽ देलनि।
एहि घटना सँ मुनि कपिल आ सगरक समकालीनता प्रमाणित होइत अछि इतिहासकारक कहब छनि जे राजा सगर मनुक चालिसम पीढ़ी मे छलाह।विभिन्न पुराणक अनुसार भागिरथी गंगा सागर नामक तीर्थ कोलकाता मे स्थित अछि, जतयक कथाक अनुसार राजा सगरक सैनिक जहन कपिल मुनिक कुटिया मे अश्व्मेघक घोड़ा कें बान्हल देखलथि तँ चोर बूझि हुनक अपमान केलक। एहि पर कपिल मुनि तमसा कें सगरक सैनिक कें नाश कऽ देलनि। एकर बाद कपिल मुनि कपिलेश्वर पहुँचलाह आ शिवलिंगक स्थापना कऽ तपस्या करय लगलाह।
साभार : अन्य
बिशेष रिपोर्ट : ई स्थान मधुबनी जिला मे अछि आ दरभंगा सँ 24 कि०मी० उत्तर आ मधुबनी सँ 12 कि०मी० पश्चिम अछि। ई मंदिर दरभंगा-जयनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पड़ैत अछि। मानल जाइत अछि जे कपिल मुनि द्वारा शिवलिंग स्थापनाक कारण एकर नाम कपिलेश्वर पड़ल। एतय हरदम भक्त लोकनि महादेवक दर्शनक लेल अबैत रहैत छथि। साओन आ शिवराति मे तँ एतय लाखों भक्त जल चढेबाक लेल अबैत छथि।
किछु लोकक कहब छनि जे कपिल मुनिक निवास स्थान मधुबनी जिलाक बेनीपट्टी प्रमंडलक विशनपुर गाम मे छल। किंतु विष्णु पुराणक अनुसार हुनक निवास स्थान पाताल लोक मे छल, जतए इंद्र राजा सगरक अश्वमेघ घोड़ा कें चोरा कें बान्हि देने छलाह आ कपिल मुनिक शाप सँ सगरक पुत्र आ साठि हजार सैनिक कें नष्ट कऽ देलनि।
एहि घटना सँ मुनि कपिल आ सगरक समकालीनता प्रमाणित होइत अछि इतिहासकारक कहब छनि जे राजा सगर मनुक चालिसम पीढ़ी मे छलाह।विभिन्न पुराणक अनुसार भागिरथी गंगा सागर नामक तीर्थ कोलकाता मे स्थित अछि, जतयक कथाक अनुसार राजा सगरक सैनिक जहन कपिल मुनिक कुटिया मे अश्व्मेघक घोड़ा कें बान्हल देखलथि तँ चोर बूझि हुनक अपमान केलक। एहि पर कपिल मुनि तमसा कें सगरक सैनिक कें नाश कऽ देलनि। एकर बाद कपिल मुनि कपिलेश्वर पहुँचलाह आ शिवलिंगक स्थापना कऽ तपस्या करय लगलाह।
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