बेनीपट्टी (मधुबनी)। करीब पांच वर्ष पूर्व निर्मित उपकारा भवन का उद्घाटन अब तक लटका हुआ है। उपकारा भवन के निर्माण होने के बाद उपयोग में नहीं लाने के कारण उपकारा भवन का अंदरुनी भवन व जेल कक्ष जर्जरता का शिकार हो रहा है। वहीं जेल के तमाम कक्ष का बिजली उपकरण बर्बाद हो चुका है। असमाजिक तत्व उपकारा भवन में रोजाना प्रवेश कर तोड़-फोड़ कर देते है। जिसके कारण उपकारा भवन के सौंदर्यीकरण की काफी क्षति हो चुकी है। असमाजिक तत्वों ने उपकारा भवन के अंदरुनी भागों की इस प्रकार क्षति पहुंचाया है कि उपकारा भवन की मुख्य बिजली उपकरण बोर्ड तक क्षतिग्रस्त हो चुका है। वहीं कक्ष के बाहरी क्षेत्रों में जंगली पौधा की भरमार लग चुकी है। जो विशाल होता जा रहा है। फिलहाल उपकारा भवन में विकलांगों के लिए आवंटित ट्राईसाईकिल रखी जा रही है। गौरतलब है कि बेनीपट्टी व्यवहार न्यायालय का उद्घाटन करीब चार वर्ष पूर्व किया जा चुका है। कोर्ट में पेशी के लिए रोजाना लाए जाने वाले कैदियों को भारी सुरक्षा के बीच मधुबनी के रामपट्टी जेल से पेशी के लिए लाई जाती है। जिसमें विभाग की ओर से भारी खर्च की जाती है। वहीं कैदियों के सुरक्षित पेशी के लिए भारी भरकम पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति कराई जाती है। बुद्धिजीवियों की माने तो सुरक्षा के लिहाज से रोजाना कैदियों की आवाजाही सही नहीं है। कोर्ट के चालू होने के बाद कई बार राजनीतिक हल्कों में उपकारा भवन के जल्द उद्घाटन होने की संभावना व्यक्त की गयी। लेकिन कोर्ट के चालू होने के चार वर्ष गुजर जाने के बाद भी उपकारा भवन के उद्घाटन की उम्मीद पुरी नहीं हो पायी है। जानकारी दें कि गत 24 मई को अधिवक्ता संघ के महासचिव परमेश्वर यादव एवं अध्यक्ष राजकुमार वर्मा ने संयुक्त रुप से चीफ जस्टिस श्री एपी शाही को ज्ञापन सौंप कर उपकारा भवन के उद्घाटन शीघ्र कराने की मांग की थी। इससे पूर्व भी कई बार कारा विभाग के अधिकारियों के द्वारा उपकारा भवन का निरीक्षण किया जा चुका है तो वहीं जिला जज के द्वारा भी कई बार उपकारा भवन के शीघ्र चालू कराने का प्रयास हो चुका है। अधिकारियों ने भवन निर्माण विभाग को वर्षो से उपकारा भवन के तकनीकी सुधार के कई बार आदेश दे चुके है। अधिकारियों ने उपकारा भवन के सुरक्षा दिवाल को तीन फीट उंचा करने, विजिटर कक्ष का निर्माण करने, चिकित्सा कक्ष का निर्माण करने, कक्षपाल का निर्माण करने, बैरक, पेयजल एवं अन्य संसाधन से लैस करने का निर्देश दिया था। बावजूद, अधिकारियों का आदेश अब तक धरातल पर नहीं उतर सका है। उधर, उपकारा कर्मियों के लिए निर्मित बहुमंजिला भवन भी क्षतिग्रस्त होना प्रारंभ हो गया है। अधिकांश कमरों की स्थिति खराब हो रही है। स्थानीय लोगों की माने तो उद्घाटन नहीं होने के कारण भवन बर्बाद हो रहा है। अब मरम्मत में भी करोड़ों की राशि खर्च होगी। अनुमंडल अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राजकुमार वर्मा ने बताया कि चीफ जस्टिस के आश्वासन के बाद उपकारा भवन के उद्घाटन होने की उम्मीद जगी है।


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