बेनीपट्टी(मधुबनी)। बेनीपट्टी के मनपौर पैक्स में हुए भारी गड़बड़ी से केसीसी धारकों में संदेह उत्पन्न होना शुरु हो गया है। केसीसी धारक अब खुलकर सभी पैक्स के केसीसी धारकों के वास्तविकता की जांच कराने की मांग कर रहे है। हालांकि, पुलिस के पास मामला होने के बाद भी पुलिस जांच के दायरे को नहीं बढ़ा रही है। वहीं दूसरी और, मनपौर पंचायत के पैक्स अध्यक्ष के गिरफ्तारी नहीं होने से पुलिस के भूमिका पर भी सवाल उठ रहे है। माना जा रहा है कि बैंक प्रबंधक के गिरफ्तारी के बाद पुलिस मामले में शिथिलता बरत रही है।जबकि पुलिस पूरे मामले की गंभीरता को बखुबी समझ रही है। बावजूद मामले को हल्के में ले रही है। उधर, मनपौर पैक्स में हुए फर्जीवाड़ा के मुख्य शिकायतकर्ता ने बताया कि मनपौर पंचायत का पैक्स अध्यक्ष अभी भी खुलेआम घूम रहा है। जिसे पुलिस गिरफ्तार नहीं कर रही है। जानकारी दें कि कॉपरेटिव बैंक प्रबंधक अजय कुमार मिश्रा को पुलिस ने गत आठ अक्टूबर को ही पुलिस से बेखौफ होकर बैंकिंग कार्य करने के दौरान पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों की माने तो बैंक प्रबंधक के गिरफ्तारी के लिए भी वरीय अधिकारी ने आदेश दिया, तब उसकी गिरफ्तारी संभव हो सकी। सूत्रों की माने तो पूरे पैक्स के कार्यप्रणाली की निष्पक्ष जांच हो तो सबसे बड़ा घोटाला सामने आ सकता है। सोशल मीडिया पर बेनीपट्टी के कई पंचायत के केसीसी धारकों की सूची वायरल होने के बाद ये तय है कि पैक्स अध्यक्षों के द्वारा बैंक प्रबंधक से मिलीभगत कर जमकर लूटखसौट की गयी है। पैक्स अध्यक्ष के द्वारा नियम के खिलाफ केसीसी लोन वितरण में भाई-भतीजावाद किया गया है। वहीं कुछ पंचायत में तो पैक्स अध्यक्ष ने हद ही पार कर दिया है। केसीसी लोन में पति के साथ पत्नी तो कही पति-पत्नी के साथ पुत्रों पर भी केसीसी लोन में मेहरबानी की गयी है। केसीसी लोन से संबंधित सूची वायरल होने के बाद ये भी सामने आ रहा है कि किसानों के नाम पर अधिक केसीसी लोन कर किसान को मनमाफिक राशि प्रदान किए गए है। लाभुकों के सामने लोन की वास्तविकता जाहिर होने के बाद पैक्स अध्यक्ष के खिलाफ माहौल बदल रहा है। संभवतः इस आंच के ताप में कई पैक्स अध्यक्ष के झूलसने की संभावना बढ़ गयी है।


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