प्रखंड किसान ई भवन परिसर में सोमवार को एक सप्ताह से चल रहे अनिश्चितकालीन हड़ताल के समर्थन में एक दिवसीय धरना कार्यक्रम आयोजित किया गया।
जिले के सभी प्रखंडों के पंचायत स्तर कृषि प्रसार के कार्य करने वाले किसान सलाहकार तीन सूत्री मांगों को पूरा करने को लेकर आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है।
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सरकार एवं कृषि विभाग के उपेक्षापूर्ण रवैया से आजिज होकर विगत एक सप्ताह से अनिश्चितकालीन हड़ताल किया है।प्रखंड किसान सलाहकार संघ के अध्यक्ष सहित सदस्यों ने कहा है कि सरकार तेरह हज़ार रुपये मासिक राशि देकर गुलाम की तरह विभिन्न विभागों का काम करा रही है।जब भी कोई नई योजना सरकार लाती है तो कृषि विभाग जमीन स्तर योजना सफल करने के लिए अच्छी सुविधा भविष्य में देने का वायदा करती है।
लेकिन योजना सफल होने पर सरकार एवं विभाग किसान सलाहकार की भूमिका को भूल जाती है।विगत तेरह वर्षों से लगातार कृषि विभाग के पंचायत स्तर पर जनसेवक के खाली स्थान पर कार्य किसान सलाहकार करते आ रहे हैं।
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सरकार ने वर्ष 2010 में एक गजट प्रकाशित किया था कि जनसेवक की भारी कमी के कारण कृषि प्रसार तंत्र को सुदृढ करने के लिए किसान सलाहकार को नियोजित करने का विज्ञापन निकाला था।कृषि एवं लाइफ साइंस स्नातक बेरोजगार युवकों ने सरकार के रोजगार निति के तहत किसान सलाहकार के रूप में बेहतर भविष्य के लिए चयनित किया गया।
चयन के बाद से वर्तमान समय तक जनसेवक के जगह काम कर रहे हैं।लेकिन सरकार किसान सलाहकारों के वादा खिलाफी कर अल्प मानदेय का भुगतान करती है। जबकि राज्य में जो भी कुछ संख्या में जनसेवक काम कर रहे हैं,जबकि उसके समान काम कराकर बहुत अल्प मासिक मानदेय एवं नगण्य सुविधा दे रही है।
सरकार अपनी नितियों के नियति से किसान सलाहकारों का आर्थिक, शारिरिक, मानसिक एवं सामाजिक दोहन एवं शोषण कर वाहवाही लूट रही है। सरकार सामाजिक न्याय की निति को दिखाकर किसान सलाहकारों के प्रति अन्याय कर रही है।
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