बेनीपट्टी(मधुबनी)। बेनीपट्टी नगर पंचायत में अंबेडकर-कर्पूरी सामाजिक संस्थान के तत्वावधान में रविवार को संत कबीर के जन्मदिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां उपस्थित संतो ने अंबेडकर चौक से डॉ लोहिया चौक तक संत शोभायात्रा निकाली। इस दौरान संतों ने कबीर भजन का पाठ किया। लोगों ने भी इस शोभायात्रा का स्वागत जगह जगह किया।

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संत शोभायात्रा के बाद संत देवनारायण साहू व वार्ड पार्षद रामवरण राम के देखरेख में संत भंडारा का आयोजन मलहद पोखरा के समीप किया गया। पाली के नागेंद्र दास ने गुरु वंदना और बीजक काव्यपाठ से सत्संग की शुरुआत कर कहा कि, कबीर ने पंचशील विचारधारा को अपनाया। जो जीव हत्या नहीं करने, झूठ नहीं बोलने, चोरी-डकैती नहीं करने, पर स्त्री पर पुरुष का दमन नहीं करने,नशा नहीं करने की बात कही। 

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श्री दास ने कहा कि, इन बातों के खिलाफ जाने वाले आज जेल में बंद है।

बोकहा के परमानंद ने कहा कि, कबीर की वाणी का संग्रह बीजक में है। जो मानव को आडंबर, पाखंड, अंधविश्वास, काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार से दूर रखता है। 

ब्रह्मोतरा के डॉ सत्यप्रकाश ने कहा कि, गुरु ग्रंथसाहब में कबीर व रैदास की वाणियो का समावेश किया गया , कबीर संत सम्राट ही नहीं, बल्कि क्रांतिकारी जनकवि थे। जो इंसान और इंसानियत की बात करते थे। विजय यादव व पवन भारती ने कहा कि, कबीर के विचारधारा को अपना कर मानव का कल्याण व विश्व में अमन-चैन कायम हो सकता है। सत्संग में रामवरण राम ने कहा कि, संत कबीर हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रतीक थे। जो ऊंच-नीच, जाति-धर्म का भेद मिटाने का अथक प्रयास किया।

इस दौरान सोनधारी दास, अरुण दास, प्रह्लाद दास, राजवंशी साफी, युगेश्वर दास, संजय दास, महेंद्र दास, प्रमिला, मंजू, उर्मिला, रानी, सीता, रामशरण दास, अंजली आदि थे।


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