बेनीपट्टी(मधुबनी)। अंचल क्षेत्र के करहरा, समदा, बेतौना, बेहटा व बेनीपट्टी में बाढ़ के कारण जो समस्याएं उत्पन्न हुई है उसके लिए जिम्मेवार जलसंसाधन विभाग के बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल झंझारपुर वन के कार्यपालक अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता हैं। बिहार विधान परिषद में भी करहरा पंचायत के सोहरौल गांव में टूटे धौस नदी के सुरक्षा बांध का मुद्दा उठाया गया था। यह बातें एमएलसी घनश्याम ठाकुर ने बेनीपट्टी में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही।
एमएलसी ठाकुर ने कहा कि मधुबनी के डीएम ने बाढ़ नियंत्रण विभाग झंझारपुर वन के कार्यपालक अभियंता को ससमय टूटे तटबंध की मरम्मत करने का निर्देश दिया था। लेकिन, विभाग के द्वारा अब तक मरम्मत कार्य नहीं कराया गया। जिसके कारण बेनीपट्टी अंचल क्षेत्र के पश्चिमी भू-भाग में तीसरी बार बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो गई है। एक महीने पूर्व बाढ़ नियंत्रण विभाग के सचिव को इस संबंध में पत्र लिखा गया था।
इस बार की बाढ़ में जो सड़कों की क्षति हुई है और जानमाल का नुकसान हुआ है उसकी भरपाई बाढ़ नियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता के वेतन या पीएफ फंड की राशि से किए जाने की मांग वो सरकार से करते हैं। एमएलसी घनश्याम ठाकुर ने कहा कि सीओ को उन्होंने बर्री एवं बिशनपुर में बांध पर रह रहे बाढ़ पीड़ितों को पॉलीथिन व राहत उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
सीओ ने यह बात स्वीकार की है कि करहरा में नाव की कमी है। अब इस बार तो संभव नहीं हो पाया लेकिन, अगली बार यदि सरकार नहीं कर पाई तो वो एमएलसी फंड से करहरा एवं बेनीपट्टी अंचल क्षेत्र में नाव की कोई कमी नहीं रहने देंगे। इस मौके पर डॉ. बागीशकांत झा आदि मौजूद थे।
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