हिन्दू सम्राट कल्याण सिंह के निधन पर रविवार को डॉ. नीलाम्बर चौधरी महाविद्यालय, बेनीपट्टी परिसर में शोक सभा का आयोजन किया गया. शोक सभा के दौरान दिवगंत कल्याण सिंह को याद करते हुए प्रो. भवानंद झा ने कहा कि अयोध्या में 1992 की कारसेवा के बाद बाबरी विध्वंस की जिम्मेदारी लेकर मुख्यमंत्री पद का त्याग करने वाले कल्याण सिंह देश के दौरे पर निकले थे, इस दौरान वह बेनीपट्टी भी आये थे, जहां डॉ बैद्यनाथ झा के आवास पर उनका भव्य स्वागत किया गया था.

उस समय पार्टी में महामंत्री पद का दायित्व निर्वहन का जिम्मा मेरे ही पास था. आगे उन्होंने बताया कि कल्याण सिंह अपने यात्रा के क्रम में मधवापुर, बिस्फी, हरलाखी, अरेर, रहिका सहित तमाम जगहों की यात्रा कर देश में नई ऊर्जा का संचार किया था. वहीं बेनीपट्टी आने के बाद यहां उन्होंने भोजन भी किया था, उस समय देश में कल्याण सिंह की लहर देखने वाली थी जिसका प्रतिफल है कि उनके निधन से देश की बड़ी आबादी शोकाकुल है.

वहीं कल्याण सिंह के निधन पर आरएसएस के उदित नारायण झा ने कहा कि कल्याण सिंह का जाना सिर्फ देश की राजनीति के लिए क्षति नहीं है, बल्कि आरएसएस परिवार का भी एक निजी नुकसान है. उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह राम मंदिर आंदोलन के एक बड़े नेता थे. उस आंदोलन में उनका योगदान अभूतपूर्व था. उन्होंने राम मंदिर के लिए अपनी कुर्सी तक त्याग दी थी. उन्होंने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए बिना समय गंवाए वो मुश्किल फैसला लिया था. जिस तरह से भगवान श्री राम के देश भारत में श्री राम को काल्पनिक बताने की, श्री राम के अस्तित्व को नकारने की लाख नाकाम कोशिसें हुई, उन सभी बाधाओं को दूर कर आज श्री राम मंदिर का भव्यता से निर्माण हो रहा है, उसी तरह जब तक यह भारत देश और राम का नाम एक साथ लिया जायेगा तब तक कल्याण सिंह का नाम भी स्मरण किया जायेगा.    

इस मौके पर प्रो. राम नारायण झा, मुनेश्वर झा, ब्रह्म कुमार झा, महानंद झा, शिव कुमार यादव, मृगेंद्र मृणाल, अशोक कुमार झा, हेमानंद झा, तंत्रनाथ झा, धीरेन्द्र झा, हरिवंश झा, नीलाम्बर झा, विनोद साहू, संजय चौधरी, प्रदीप झा ने दिवगंत कल्याण सिंह के प्रति श्रधांजली अर्पित की.

जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का शनिवार को निधन हो गया. 89 साल के कल्याण सिंह पिछले डेढ़ महीने से लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई अस्पताल में भर्ती थे. एक महीने पहले सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था, जिसके बाद बीते दिन उनकी हालत और बिगड़ गई थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बीते दिन दिल्ली से लौटकर उनका हालचाल जानने सीधे अस्पताल पहुंचे थे. इसके बाद शनिवार को फिर से सीएम योगी आदित्यनाथ अस्पताल पहुंचे. शनिवार रात को कल्याण सिंह ने अस्पताल में अंतिम सांस ली.

कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी, 1932 को यूपी के अतरौली में हुआ था. उनके माता-पिता का नाम सीता देवी और तेजपाल सिंह लोधी था. कल्याण सिंह ने बीए और एलएलबी की पढ़ाई की थी. कल्याण सिंह दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. वहीं, केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद उन्हें राजस्थान और हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल भी बनाया गया. राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले कल्याण सिंह ने छह दिसंबर, 1992 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इसी दिन अयोध्या में बाबरी मस्जिद का विध्वंस किया गया था. अगले दिन केंद्र सरकार ने भी यूपी की कल्याण सिंह सरकार को बर्खास्त कर दिया था. इसके बाद, सितंबर 1997 से लेकर नवंबर, 1999 तक कल्याण सिंह फिर यूपी के सीएम बनाए गए.


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