साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता श्याम दरिहरे जी का 67 वर्ष की उम्र में बीती रात निधन हो गया। श्याम दरिहरे का निधन वृंदावन के मिथिला कुंज आश्रम में सुबह 4 बजे हुई। निधन का कारण ब्रेन हेमरेज बताया गया है। श्री दरिहरे मूल रूप से मधुबनी जिले के बेनीपट्टी अनुमंडल अंतर्गत बरहा गांव के रहने वाले थे।
साहित्य क्षेत्र में अपने उपलब्धि से प्रख्यात दिवगंत श्री दरिहरे के नाम से श्याम दरिहरे रंग सम्मान पुरस्कार भी वर्ष 2018 से मैलोरंग संस्था के माध्यम से शुरू किया गया था।
67 वर्षीय श्याम दरिहरे जी का मूल नाम श्याम चंद्र झा था, जो कि झारखंड सरकार मे डिविजनल कमांडेंट से सेवानिवृत्त थे। सेवानिवृत्त होने में उपरांत वह पटना में रह रहे थे और साहित्य के प्रति अंतिम क्षण तक समर्पित रहे।
श्याम दरिहरे को 2013 में प्रकाशित कथा संग्रह बड़की काकी @हॉटमेल डॉट कॉम के लिए वर्ष 2016 में साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ था। यह कथा संग्रह बड़की काकी @हॉटमेल डॉट कॉम प्रकाशित होने के साथ ही काफी प्रचलित हुआ, जो कि आज भी काफी पसंद की जाती है।
इनके कथा संग्रह में सरिसो मे भूत, उपन्यास घुरि आउ मान्या, कविता संग्रह क्षमा करब हे महाकवि, हिंदी कविता संग्रह गंगा नहाना बाकी है, सहित धर्मवीर भारती के प्रसिद्ध कविता संग्रह कनुप्रिया का मैथिली अनुवाद सहित कई कथा संग्रह, उपन्यास प्रकाशित है।
इनके निधन से क्षेत्र के लोग सहित साहित्य जगत में शोक की लहर है।
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