बेनीपट्टी(मधुबनी)। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भगवान भरोसे संचालित हो रहा है। संसाधन के किल्लत के साथ पीएचसी में कर्मियों व चिकित्सक की घोर कमी बन गयी है। बावजूद स्वास्थ्य विभाग कमी को दूर नहीं कर पा रही है। चिकित्सीय सेवा में किल्लत होने के बावजूद तमाम जनप्रतिनिधि चुप्पी साध चुके है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में जहां करीब पांच वर्षों से महिला चिकित्सक का पद रिक्त पड़ा हुआ है, वहीं अब ड्रेसर की कमी से पीएचसी का आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधा पटरी से उतर रही है। ड्रेसर की कमी के कारण दुर्घटना में हुए जख्मी अथवा कोई मरहमपट्टी कराने आए मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पीएचसी सूत्रों ने बताया कि स्थिति इस कदर खराब है कि अब दुर्घटना में आये मरीजों को प्राथमिक उपचार करना भी संभव नहीं हो पाएगा, क्योंकि ड्रेसर के नहीं होने से समस्या उत्पन्न होनी तय है। वहीं फार्मासिस्ट की कमी तो न जाने कब से पीएचसी में है। जानकारी दें कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में दो ड्रेसर व दो फार्मासिस्ट का पद है। जिसके विरुद्ध मात्र एक फार्मासिस्ट पीएचसी में प्रतिनियुक्त है। जो आपात स्थिति से लेकर सामान्य स्थिति में दवा का वितरण करता है। गौरतलब है कि बेनीपट्टी अनुमंडल मुख्यालय का एकमात्र सरकारी स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने वाली प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में फिलहाल मात्र तीन चिकित्सक है। अतरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के लिए तैनात चिकित्सकों व आयुष चिकित्सकों से ओपीडी का संचालन कराया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि आपात स्थिति में कुछ चिकित्सक हाथ खड़े कर देते है, ऐसी स्थिति में चिकित्सा पदाधिकारी को स्वयं इलाज करना पड़ जाता है। स्थानीय लोगों की माने तो 33 पंचायत के पीएचसी में तीन चिकित्सकों से भला क्या होगा? जबकि, आये दिन दुर्घटना, सर्पदंश से लेकर अन्य आपात स्थिति में मरीज पहुंचते है। इस संबंध में पूछे जाने पर चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शम्भू नाथ झा ने बताया कि चिकित्सक व कर्मियों के किल्लत के बावजूद मरीजों को बेहतर इलाज किया जाता है। कर्मियों के किल्लत की जानकारी विभागीय अधिकारी को दी जा चुकी है।


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