बेनीपट्टी(मधुबनी)। महाभारत काल के सैनी पोखर को सुरक्षित व संरक्षित करने के लिए लघु जल संसाधन विभाग पहल कर रही है। दैनिक सन्मार्ग में प्रकाशित खबर को संज्ञान लेते हुए विभाग ने ऐतिहासिक तालाब को बचाने के लिए जल्द ही 26 लाख की लागत से तालाब को संरक्षित करने का काम करेगी। लघु जल संसाधन विभाग ने सैनी पोखर को जीर्णोद्धार के लिए टेंडर की प्रक्रिया चालू कर दिया है। विभागीय अधिकारी की माने तो करीब एक माह के अंदर निविदा की प्रक्रिया खत्म कर कार्य को चालू करा दिया जाएगा। मैरिन चीफ इंजीनियर विनोद शंकर झा लड्डू ने बताया कि इस तालाब के अगल-बगल में वृक्षारोपण, सौंदर्यीकरण के साथ तालाब घाटों का भी निर्माण होगा। लड्डू ने बताया कि विभाग आगामी छह माह के अंदर सभी जीर्णोद्धार कार्य का समापन कर लेगी। गौरतलब है कि सैनी पोखर बेनीपट्टी के पश्चिमी शाहपुर पंचायत के शिवनगर गांव में स्थित है। सामाजिक दृष्टिकोण में आये बदलाव के कारण ऐतिहासिक तालाब मृतप्राय की स्थिति में पहुंच गयी। इस तालाब का महत्व इसी से समझा जा सकता है कि सैनी तालाब का संबंध महाभारतकाल से सीधे जुड़ा हुआ है। बताया जा रहा है कि उक्त तालाब के पवित्र जल में ही पांडवो ने स्नान कर गाण्डीवेश्वरनाथ महादेव को प्रसन्न कर गाण्डीव धनुष प्राप्त किया। जिसे सैनी पोखर के किनारे सम्मी के वृक्ष पर लटका दिए थे। ताकि उक्त धनुष पर किसी अन्य की नजर न पहुंच सके। तालाब करीब ढाई एकड़ में फैला हुआ है। शिवनगर के समाजसेवी नंद झा, विभूति आनंद, अयोध्यानाथ झा, मोहन झा उत्तीम महतो, चुल्हाई राम, समीर कुमार आदि ने तालाब के जीर्णोद्धार योजना पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐतिहासिक धरोहरों को सुरक्षा करने से ही हमलोगों की संस्कार जीवित रहेगी।