बेनीपट्टी(मधुबनी)। मधवापुर में हुई कथित फर्जी शिक्षक नियोजन के खेल में कई अधिकारी व कर्मियों पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है। हालांकि, इसकी जांच अभी भी नहीं शुरु हुई है। लेकिन, प्रखंड व पंचायत शिक्षक के कथित फर्जी बहाली में कई लपेटें में हांगे। आन्दोलनकारी शिक्षकों ने बताया कि इस पूरे खेल में प्रखंड नियोजन इकाई के नाम पर भी फर्जीवाड़ा किया गया है। फर्जीवाड़ा के दम पर रेवड़ियों के भाव में शिक्षक नियोजन किए गए है। खास तौर पर साहरघाट के आसपास भारी पैमाने पर फर्जी बहाली किए जाने की जानकारी आन्दोलनकारियों ने दी है। बताया गया कि प्रखंड मुख्यालय को छोड़ कर साहरघाट की और भारी पैमाने पर अवैध बहाली की गयी है। अवैध बहाल शिक्षकों के खिलाफ हो रहे आन्दोलन से शिक्षक अलग ही परेशान हो गए है। वहीं लगातार मीडिया में खबर प्रकाशित होने के बाद अधिकांश फर्जी शिक्षक स्कूल से गायब हो गए है। फर्जी शिक्षक अब प्रशासनिक काररवाई का इंतजार कर रहे है। वहीं कुछ फर्जी शिक्षक प्रशासनिक जांच की टोह लेने के लिए अनुमंडल मुख्यालय से लेकर जिला मुख्यालय तक मैराथन दौड़ लगा रहे है। उधर, आरटीआई एक्टिविस्ट विश्वनाथ सहनी ने बताया कि जब कथित शिक्षक फर्जी नहीं है तो फिर उनलोगों का बैंक खाता गत एक वर्ष कैसे खुल गया, इतने वर्षो से उनलोगों को वेतन क्यूं नहीं दिया जा रहा था। कथित फर्जी शिक्षकों ने दक्षत परीक्षा उर्तीण की है अथवा कोई प्रशिक्षण लिया हो, प्रशासन को सभी पहलूओं पर जांच करना चाहिए। श्री सहनी के अनुसार बहुत बड़ा गड़बड़झाला किया गया है। कथित फर्जी शिक्षकों को दिए गए वेतन एडवाईस में नंबरिंग का खेल क्यूं खेला गया। श्री सहनी के अनुसार कई ऐसे महत्वपूर्ण बिंदू है, जिसके तह में जाना बहुत ही जरुरी है। बता दें कि आन्दोलनकारी शिक्षक मधवापुर में करीब एक सौ अठारह फर्जी शिक्षकों की बहाली किए जाने का दावा किया है। आन्दोलन उग्र होने से पूर्व ही जिला पदाधिकारी ने पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन कर दिया। जांच टीम के अधिकारियों के अनुसार, जांच शुरु कर दी गयी है। तथ्य जुटाए जा रहे है।


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