बेनीपट्टी(मधुबनी)। बेनीपट्टी प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर के समक्ष कांग्रेस पार्टी ने किसानों की समस्या को लेकर धरना दिया। कांग्रेस नेताओं ने किसानों की दयनीय स्थिति के लिए मोदी सरकार के नीतियों की आलोचना करते हुए बिहार एक कृषि प्रधान प्रदेश है। सूबे की अर्थव्यवस्था पूरी तरह कृषि पर आधारित है। किसानों की स्थिति तब बेहतर हो सकती है, जब कृषक की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। किसान आत्महत्या कर रहे है। वही कांग्रेस के विधायक भावना झा ने कहा कि बिहार के किसानों के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है। भारत सरकार के खाद्य मंत्रालय द्वारा प्रकाशित आंकड़ो में साफ है कि वर्ष-2018 में बिहार राज्य से एक दाना भी गेंहू की खरीद एफसीआई द्वारा नहीं कि गयी है। किसानों को अपने फसल समर्थन मूल्य से कम लागत पर बिक्री करनी पड़ रही है। वही विधायक ने कहा कि इस केंद्र सरकार में किसान बेहाल है, जबकि यूपीए के मनमोहन सिंह की सरकार ने 72 हजार करोड़ के ऋण को माफ किया था। कांग्रेस ने किसानों के फसल की एफसीआई से खरीद कराने, दलहन, मकई, सब्जी-आलू पैदा करने वाले किसानों को उचित मूल्य, शीत गृह की व्यवस्था, किसानों को पैक्स अथवा अन्य सहकारी बैंक के द्वारा सरल प्रक्रिया से ऋण की उपलब्धता, सूद का दर की ऐसी व्यवस्था हो, जो कर्जमाफी के परंपरा को खत्म कर दे, मक्का में दाना नहीं आने पर किसानों को मुआवजा दिए जाने, बैधनाथन कमीशन को लागु किये जाने सहित पंद्रह सूत्री मांग पत्र बीडीओ को सौंप कर धरना को समाप्त किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रखंड अध्यक्ष अवधेश सिंह ने किया, वही संचालन विजय कुमार चौधरी ने किया। धरना को विधायक के अलावे बैधनाथ झा, वशिष्ठ नारायण झा, हरिनारायण मिश्र, मिहिर कुमार झा, दीपक कुमार झा उर्फ मंटू, संजय कुमार झा, विनय कुमार सिंह, प्रो. मीनू पाठक, शिवशंकर सिंह,भूषण झा, सुशील सिंह, छोटे झा, लालबाबू झा सहित कई कांग्रेसी नेताओं ने संबोधित किया।