बेनीपट्टी(मधुबनी)। सन् 1982 के दशक में पार्टी के विस्तार करने के मकसद से यात्रा के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी बेनीपट्टी के शिवनगर में दो घंटे तक ठहरे थे। इस दौरान पूर्व पीएम स्व. वाजपेयी बिहार बीजेपी के कद्दावर नेता पूर्व सभापति पंडित ताराकांत झा के कहने पर उनके गांव शिवनगर पहुंच कर उनके आवास पर भोजन कर करीब दो घंटे विश्राम किया था। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. वाजपेयी को याद करते हुए पूर्व सभापति पंडित ताराकांत झा के भाई डा. अयोध्यानाथ झा बताते है कि वाजपेयी जी सीतामढ़ी से दरभंगा जाने वाले थे। आग्रह पर शिवनगर पहुंचे थे। उस समय भी वाजपेयी जी का कद काफी बड़ा था। इसलिए, सारी तैयारी की गयी थी। वाजपेयी जी आए तो उन्होंने मिथिला की संस्कृति की तरह पीढ़ी (लकड़ी का बना हुआ) पर बैठ कर भोजन किया था। बताते है कि भोजन के प्रति उनका विशेष लगाव था। उस समय तिलकोर का तरुआ के साथ सकरौरी का खासा पसंद किया था। श्री झा बताते है कि उस भोजन के समय ही स्थानीय लोगों के द्वारा मैथिली भाषा का सम्मान दिए जाने की बात कही गयी तो उन्होंने कुछ देर मंथन कर कहा कि हां, मैथिली को अष्ठम सूची में स्थान दिया जाना चाहिए। भोजन के बाद उन्हें मिथिला की संस्कृति के अनुरुप अंग वस्त्र, पान, सुपाड़ी के साथ जनेउ दिया था। अयोध्या झा स्मृति को याद करते हुए कहते है कि उनके पिताजी ने जब ये सारा सामान विदाई स्वरुप दिया तो अटल जी ने जनेउ लेने से ये कहकर इंकार कर दिया कि वे सिर्फ हिन्दू है। हालांकि, बाद में उन्होंने जनेउ भी रख लिया। बताते है कि उसी समय चानपुरा में रिंग बांध का निर्माण हो रहा था। जिसका कुछ लोग विरोध कर रहे थे। वाजपेयी के आने की खबर पर चानपुरा से कई लोग आकर उन्हें बांध के निर्माण की जानकारी दी। डा. झा ने बताया कि पूर्व पीएम भारत रत्न के निधन से काफी दुख हुआ है। उन्होंने चर्चा करते हुए बताया कि जिस लकड़ी के चौकी पर अटल जी विश्राम किए थे, वो चौकी आज भी सही सलामत है। 


आप भी अपने गांव की समस्या घटना से जुड़ी खबरें हमें 8677954500 पर भेज सकते हैं... BNN न्यूज़ के व्हाट्स एप्प ग्रुप Join करें - Click Here



Previous Post Next Post