बेनीपट्टी (मधुबनी)। करीब पांच वर्ष पूर्व निर्मित उपकारा भवन का उद्घाटन अब तक लटका हुआ है। उपकारा भवन के निर्माण होने के बाद उपयोग में नहीं लाने के कारण उपकारा भवन का अंदरुनी भवन व जेल कक्ष जर्जरता का शिकार हो रहा है। वहीं जेल के तमाम कक्ष का बिजली उपकरण बर्बाद हो चुका है। असमाजिक तत्व उपकारा भवन में रोजाना प्रवेश कर तोड़-फोड़ कर देते है। जिसके कारण उपकारा भवन के सौंदर्यीकरण की काफी क्षति हो चुकी है। असमाजिक तत्वों ने उपकारा भवन के अंदरुनी भागों की इस प्रकार क्षति पहुंचाया है कि उपकारा भवन की मुख्य बिजली उपकरण बोर्ड तक क्षतिग्रस्त हो चुका है। वहीं कक्ष के बाहरी क्षेत्रों में जंगली पौधा की भरमार लग चुकी है। जो विशाल होता जा रहा है। फिलहाल उपकारा भवन में विकलांगों के लिए आवंटित ट्राईसाईकिल रखी जा रही है। वहीं चुनाव के बाद उक्त भवन को मतगणना भवन के रुप में प्रशासन के द्वारा उपयोग किया जाता रहा है। गौरतलब है कि बेनीपट्टी व्यवहार न्यायालय का उद्घाटन करीब तीन वर्ष पूर्व किया जा चुका है। कोर्ट में पेशी के लिए रोजाना लाए जाने वाले कैदियों को भारी सुरक्षा के बीच मधुबनी के रामपट्टी जेल से पेशी के लिए लाई जाती है। जिसमें विभाग की ओर से भारी खर्च की जाती है। वहीं कैदियों के सुरक्षित पेशी के लिए भारी भरकम पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति कराई जाती है। बुद्धिजीवियों की माने तो सुरक्षा के लिहाज से रोजाना कैदियों की आवाजाही सही नहीं है। कोर्ट के चालू होने के बाद कई बार राजनीतिक हल्कों में उपकारा भवन के जल्द उद्घाटन होने की संभावना व्यक्त की गयी। लेकिन कोर्ट के चालू होने के तीन वर्ष गुजर जाने के बाद भी उपकारा भवन के उद्घाटन की उम्मीद पुरी नहीं हो पायी है। जानकारी दें कि गत 14 अक्टूबर को मधुबनी के कारा अधीक्षक ने बेनीपट्टी उपकारा भवन का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के क्रम में कारा अधीक्षक प्रियंस टोप्पो ने भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता को उपकारा भवन के सुरक्षा दिवार को तीन फीट उंचा करने, विजिटर कक्ष का निर्माण करने, चिकित्सा कक्ष का निर्माण करने, कक्षपाल का निर्माण करने, बैरक, पेयजल एवं अन्य संसाधन से लैस करने का निर्देश दिया था। उधर निर्देश के करीब डेढ़ वर्ष गुजर जाने के बाद भी भवन निर्माण विभाग उपकारा भवन के अधूरे कक्ष का निर्माण नहीं करा पायी। स्थानीय रामविनय प्रधान, विजय यादव, संतोष कुमार समेत कई लोगों ने बताया कि कोर्ट के चालू होने के तुरंत बाद उपकारा भवन का उद्घाटन हो जाना चाहिए। उपकारा भवन के उद्घाटन होने से कैदियों को पेशी में आसानी होगी।