बेनीपट्टी (मधुबनी)। बेनीपट्टी के स्टेट बोरिंग पर धराये तीन अपराधियों के मामले में पुलिस की दिलेरी की चर्चा पूरे बाजार की जा रही है। पुलिस के द्वारा अपराधियों को दबोचने में थोड़ी भी चूक कई पुलिस अधिकारियों के जान पर बन आती। सूत्रां की माने तो अपराधियों ने पुलिस से भिड़ंत होने पर ताबड़तोड़ फायरिंग करने की योजना बनाई थी। सभी अपराधियों ने देसी कट्टा व पिस्टल को लोडेड अवस्था में रखा हुआ था। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो पुलिस से हल्की भी चूक होती तो शातिर अपराधी कई अधिकारियों को निशाने पर ले लेता। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एसएसओ सह पुलिस इंस्पेक्टर हरेराम साह व नंदलाल यादव शुरुआती दौर से ही अपराधियों पर भारी पड़ गये। निहत्थे एएसआई नामदेव यादव हथियार से लैस शातिर अपराधी कमलेश कुमार को दबोच कर पिस्टल पकड़ लिया। जिसके कारण अपराधी गोली नहीं चला सका। उधर शातिर अपराधी को पुलिस के गिरफ्त में देख दो अन्य नौसिखिया अपराधी कट्टा लेकर धान की खेत में जा छुपा। तब तक तेजतर्रार पुलिस इंस्पेक्टर प्रवीण मिश्रा व एएसआई सुभाष मिश्रा पहुंच चुके थे। रणनीति के तहत ग्रामीणों के सहयोग से धान की खेत की घेराबंदी कर अपराधियों को घुटने टेंकने पर मजबूर कर दिया।उधर पुलिस के गिरफ्त में आये अपराधियों के बारें में जानकारी आम होते ही बेनीपट्टी के आम लोगों ने पुलिस की भूमिका को सराहनीय बताते हुए कहा कि ये बेनीपट्टी के ऐतिहासिक कार्य किया गया है। हथियारों से लैस अपराधियों को दबोचने की चर्चा घटना के दूसरे दिन भी खुब हो रही है। उधर सूत्रों की माने तो अपराधियों को दबोचने की रणनीति बेनीपट्टी एसएचओ ने गैस एजेंसी लूट के घटना के बाद ही बना रखी थी। एसडीपीओ पुष्कर कुमार ने भी पुलिस अधिकारियों के भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि बेनीपट्टी पुलिस अपराध को खत्म करने की मुहिम शुरु कर दी है। किसी भी सुरत में अपराधियों को बख्सा नहीं जायेगा। एसडीपीओ ने बताया कि इस लूट के योजना में संलिप्त हर अपराधियों की पहचान कर ली गयी है। जल्द ही सभी अपराधियों को कानून के दायरे में लाया जायेगा।