बेनीपट्टी (मधुबनी)। शिक्षा विभाग के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा-व्यवस्था का माखौल बेनीपट्टी के बसैठ सीता मुरलीधर उच्च विद्यालय में उड़ रहा है। जहां स्कूल भवन के अभाव में सभी छात्र व छात्राएं एक साथ टैंट में बैठकर परीक्षा दे रहे है।खुले में एक साथ बैठकर परीक्षा देने से जहां छात्र व छात्राओं को भारी परेशानी हो रही है, वहीं कदाचारमुक्त परीक्षा के दावें पर भी प्रश्नचिन्ह् खड़ा हो रहा है।गौरतलब है कि बसैठ के सीता मुरलीधर उच्च विद्यालय में फिलहाल करीब 14 सौ छात्र व छात्राएं नामांकित है।जो छमाही परीक्षा दे रहे है। स्कूल के पास पठन-पाठन योग्य मात्र दो ही कमरा होने के कारण स्कूल के छात्राओं को भेंड़-बकरी की तरह बैठकर परीक्षा अथवा शिक्षण कार्य करना होता है। स्कूल प्रबंधन की माने तो स्कूल भवन निर्माण के लिए कई बार विभागीय अधिकारी को पत्राचार किया गया, परंतु विभाग भवन के लिए राशि नहीं दे पा रही है।उधर स्थानीय बुद्धिजीवियों ने बताया कि 2008 में स्कूल को प्लस टू का दर्जा दिया गया था। तब विभाग के द्वारा स्कूल भवन के लिए करीब 39 लाख की राशि दी गयी थी। परंतु समय पर कार्य नहीं शुरु किये जाने के कारण राशि विभाग को सरेंडर करनी पड़ी।उधर जमीन पर बैठकर परीक्षा देने का विरोध करते हुए मिथिला स्टूडेंट यूनियन ने इसे विभाग की नाकामी बताया है। एमएसयू के विकास झा ने बताया कि बसैठ स्कूल का इतिहास स्वर्णिम होने के बाद भी ऐसी स्थिति है, जो किसी भी शिक्षाविद् को शर्मसार कर सकता है। विद्यालय प्रभारी ने बताया कि भवन नहीं है तो क्या किया जा सकता है। निर्देशानुसार ही बच्चों को टैंट में बैठाकर परीक्षा ली जा रही है। 


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