बेनीपट्टी(मधुबनी)। बाढ़ की विभिषिका ने बेनीपट्टी प्रखंड के कई पंचायतों को तहस-नहस कर दिया है।नेपाल से बाढ़ का पानी छोड़े जाने के कारण अधवारा समूह की सभी सहायक नदियों ने जल तांडव करना शुरु कर दिया।देखते ही देखते सात जगहों पर महाराजी बांध ध्वस्त हो गया।महराजी बांध के मजबूती के दावें प्रशासन शुरु से ही कर रही थी।परंतु पानी के जलप्रवाह के आगे बांध की मजबूती कागती शेर ही साबित हुए। 14 अगस्त को आये बाढ़ में पाली, बसैठ, बर्री सहित कई जगहों पर बांध धरासायी हो गया।बसैठ में करीब तीस फीट की दूरी में रिंग बांध ध्वस्त होने से बांध के नीचे अभी भी पानी का जमावड़ा हो गया है।जानकारी के अनुसार उक्त स्थल पर मोईन हो गया है।ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ के पहले दि नही रिंग बांध नीचे से ध्वस्त होना शुरु हो गया था।कुछ ही देर के बाद बांध पूर्णरुप से धरासायी हो गया।पानी के तेज बहाव के कारण कुछ ही देर के बाद बसैठ के चानपुरपट्टी व सुंदरपुर के असतित्व पर खतरा मंडरा दिया था। पीड़ित दो दिनों तक गांव में फंसे रहे।प्रशासनिक पहल के बाद सभी पीड़ितों को एनडीआरएफ के जवानों ने घर से निकाल कर कैंप में लाया।ग्रामीणों की माने तो बांध के मरम्मति के लिए हर बार विभाग राशि देती है, परंतु कागजों पर ही बांध की मरम्मति दिखाकर राशि की बंदरबांट कर ली जाती है।गौरतलब है कि बाढ़ के पानी खत्म होने के बाद भी अब तक ध्वस्त हो चुके महाराजी बांध की मरम्मति नहीं की गयी है।जिसके कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है।