बेनीपट्टी(मधुबनी)। बेनीपट्टी में भाग्य भरोसे चल रहे शिक्षा विभाग की उस समय कलई खुल गयी, जब स्वयं जिला शिक्षा पदाधिकारी राजेंद्र मिश्रा ने कई स्कूलों व बीआरसी का निरीक्षण किया। बीआरसी में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम को लूट बनाने का मामला सामने आया। गुरुवार को प्रशिक्षण के लिए तैनात 47 शिक्षकों में से मात्र 20 शिक्षक प्रशिक्षण शिविर में पाये गये। डीईओ ने तत्काल अनुपस्थित सभी शिक्षकों के वेतन पर रोक लगा दी है। प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे शिक्षकों ने प्रशिक्षण के नाम पर खानापूर्ति करने की शिकायत की। डीईओ ने बेनीपट्टी के मध्य विद्यालय का भी निरीक्षण किया। सूत्रों की माने तो उक्त विद्यालय में भी कई स्तर पर खामियां पायी गयी है।इससे पूर्व जिला शिक्षा पदाधिकारी श्री मिश्र ने अरेर के बच्चा झा जनता उच्च विद्यालय का निरीक्षण किया, जहां मात्र ग्यारह छात्र ही उपस्थित थे तो वहीं बिजलपुरा के प्राथमिक विद्यालय में मात्र दो शिक्षक उपस्थित थे। डीईओ ने बताया कि बिजलपुरा में एक भी छात्र नहीं पाये गये। जो गंभीर मामला है। अनुपस्थित शिक्षकों पर कार्रवाई की गयी है।बता दें कि बेनीपट्टी में करीब दो वर्षों से बीईओ का प्रभार होने के कारण बेनीपट्टी का शिक्षा स्तर में लगातार गिरावट हो रही है। प्रभारी बीईओ के मधुबनी में रहकर कार्य करने की संस्कृति के कारण शिक्षकों का मनमाना चल रहा है। बाढ़ग्रस्त क्षेत्र के अधिकतर विद्यालय आज भी अघोषित तौर पर बंद पाये जाते है। जहां प्रभारी शिक्षक के द्वारा उपस्थिति दर्ज कराने के बाद स्कूल को बंद कर दिया जाता है।डीईओ ने कहा कि लापरवाह शिक्षकों पर कार्रवाई की जायेगी।


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