बेनीपट्टी(मधुबनी)। दहेज सभ्य समाज के लिए एक खतरनाक अभिशाप बन गया है।आज कल के युवाओं को ही इस कुप्रथा के खिलाफ आवाज बुलंद करनी होगी।तब जाकर ये अभिशाप खत्म हो पायेगा। हर युग में व्याप्त कुप्रथा के खिलाफ आवाज उठाने पर ही कुप्रथा खत्म हुई है।दहेज के कारण हर वर्ष हजारों-लाखों लड़कियों की हत्या की जाती है।आज के युग में लड़के व लड़की में कोई फर्क नहीं है, फिर ये दहेज जैसी कुप्रथा कब तक हमारे समाज में विष फैलाती रहेगी।शनिवार को दहेज मुक्त मिथिला के बैनर तले हो रहे मैराथन दौड़ के कार्यक्रम को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने के मौके पर संबोधित करते हुए एसडीपीओ निर्मला कुमारी ने कहीं।एसडीपीओ ने कहा कि आज के युग में लड़का व लड़की का दर्जा एक समान है।सुश्री कुमारी ने कहा कि जो भी दहेज की मांग करता है, वैसे लोगों का सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए, ताकि समाज में जागरुकता आ पायें। दहेज मुक्त मिथिला के तहत दर्जनों युवाओं ने विश्वप्रसिद्ध उच्चैठ भगवती मंदिर से दहेज मुक्त रैली निकाल कर मधुबनी तक गयी।रास्ते में कार्यकर्ताओं के द्वारा हर चौक-चौराहों पर लोगों से दहेज के खिलाफ आवाज बुलंद करने की अपील की गयी।