बेनीपट्टी(मधुबनी)। मनुष्य जिस मिट्टी में जन्म लेता है,उस मिट्टी व समाज का कर्जदार हो जाता है। हर मनुष्य को समाज व परिवार से मिले गुण को समाज में देकर ही कर्ज से मुक्ति मिल सकती है। आप ये न सोचें की आप अच्छे पद पर अथवा बाहर चले गये है तो आपका दायित्व समाज या परिवार के प्रति कम हो गया है। कुलाधिपति सह राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को बेनीपट्टी के डा. निलांबर चौधरी महाविद्यालय के परिसर में पूर्व विधान पार्षद स्व. निलांबर चौधरी के मूर्ति अनावरण सह 83वीं जयंति समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा। श्री कोविंद ने कहा कि शिक्षा के लिए निलांबर बाबू हमेशा प्रयत्नशील रहें, स्व. चौधरी एक दल के नहीं बल्कि पूरे समाज व सूबें के लिए बेहतर सोच रखते थें। जिसका परिणाम था कि स्व. बाबू की प्रसिद्धि पूरे सूबें में है। शिक्षा के साथ महिलाओं में जागरुकता,बंचित वर्ग के हितों के लिए वे लगातार प्रयासरत रहे है। वहीं महामहिम कोविंद ने कहा कि मिथिला की धरती यूं भी विद्वानों की धरती रही है।जहां एक से बढ़कर एक विद्वान हुए है। नागार्जून, रामनाथ दिनकर, मंडन मिश्र, विदूषी भारती, अयाची की धरती रही है। वहीं कुलाधिपति ने कहा कि मनुष्य को दो तरह की शिक्षा की आवश्यकता रही है। एक अच्छी शिक्षा तो दूसरी सच्ची शिक्षा, जिसमें शिक्षा के साथ संस्कार समाहित होता है। बिहार की चर्चा करते हुए महामहिम ने कहा कि बिहार की धरती में अजीब आकर्षण है, भगवान बुद्ध व भगवान महावीर जन्म कहीं ओर लिए,लेकिन बिहार की धरती के आकर्षण के कारण वे बिहार मे आकर बस गये।अभी पटना में प्रकाश महोत्सव हो रहा है।
जहां विश्व के सिख समुदाय के लोग बिहार की खुब वाहवाही कर रहे है। ये बिहार के लिए अच्छा संकेत है। सभा का संचालन डीपीआरओ जयशंकर कुमार प्रसाद ने किया।वहीं सभा की अध्यक्षता विधान पार्षद डा. दिलीप चौधरी ने किया। इससे पूर्व कॉलेज की छात्र अभिषेक व बबिता ने राज्यपाल सह कुलाधिपति के आगमन पर स्वागत गान पेशकर उनका स्वागत किया। सभा को खजौली विधायक सीताराम यादव, पूर्व विधायक रामाशीष यादव ने किया। वहीं कॉलेज के प्राचार्य भवानंद झा ने कुलाधिपति के सम्मान में अभिनंदन पत्र पढ़ा।