कन्हैया मिश्रा : जिले के जयनगर अनुमंडल में निगरानी विभाग के जाल में फंसे एसडीओ गुलाम मुस्तफा अंसारी व एसडीपीओ चंदन पूरी पूर्व में हुए निगरानी विभाग की कार्रवाई को देखते हुए कार्य में ईमानदारी बरतते तो शायद ये दिन उन्हें देखने को नहीं मिलता।मधुबनी में निगरानी की कार्रवाई में अभी तक आधे दर्जन से अधिक अधिकारी फंस चुके है।बावजूद अधिकारी अधिक की चाह में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने से नहीं चूकते है।निगरानी विभाग के जाल में फंसे अधिकारियों में एसडीपीओ से पूर्व खुटौना थाना के तत्कालीन एसएचओ महाकांत सिंह भी घूस में एक लाख लेते हुए निगरानी के गिरफ्त में आ चुके है। निगरानी के गिरफ्त में आने वालों की सूची में सबसे अधिक जयनगर अनुमंडल से ही है।जिसमें जयनगर के रजिस्ट्रार मोहन कुमार, जयनगर के सीआई महेश्वर पासवान, खुटौना थानाध्यक्ष महाकांत सिंह,फुलपरास डीडीओ रामदेव बनिता, रहिका अंचल के कर्मचारी नारायण झा अब तक जिले से निगरानी के हत्थें चढ़ चुके थें, कि गुरुवार को जयनगर से ही एक साथ दो वरीय अधिकारी एसडीएम व एसडीपीओ निगरानी के हत्थें घूस के रकम के साथ गिरफ्तार हो गये है।जिन्हें निगरानी के अधिकारियों ने पटना ले गया है।उधर जयनगर के एक साथ दो पदाधिकारियों के निगरानी के हत्थें चढ़ने की सूचना प्रशासनिक हलकों में आते ही अधिकतर अधिकारी सकते में है।जानकारी दें कि जयनगर के अनुमंडल पदाधिकारी गुलाम मुस्तफा अंसारी बिहार के छपरा जिले के मसरक गांव के रहने वालें है।एसडीएम का परिवार पटना में रहता है।एसडीएम अंसारी जयनगर में 13 अप्रैल 2013 को पदस्थापित किये गये थें, वहीं एसडीपीओ चंदन पूरी जयनगर एसडीपीओ का कमान 16 अगस्त 2016 संभाला था।उधर एसडीपीओ की पत्नी ने अपने पति का बचाव करते हुए बताया है कि उनके पति को निगरानी विभाग के अधिकारी के द्वारा फंसाया जा रहा है।रकम लेते हुए उन्हें नहीं गिरफ्तार किया गया है।