बेनीपट्टी(मधुबनी)। कन्हैया मिश्रा : आज के आधुनिक युग में भले ही लोगों के पास अधिक समय नहीं है।समय की आपाधापी इस कदर है कि लोग जल्दबाजी में भगवान के दर्शन भी सही ढंग से नहीं कर पाते है।लेकिन मधुबनी जिले के बेनीपट्टी अनुमंडल के बसैठ के समीप रानीपुर गांव में एक अनोखी प्रथा है।जो वर्षो से यथावत चली आ रही है।यू तो आम लोग चमगादड के नाम से ही भय खाते है।घर में चली आये तो घर से भगाने के लिए युद्ध हो जाती है।लेकिन रानीपुर गांव के लोग आज भी चमगादड की पूजा करते है।ग्रामीणों ने बताया कि गांव में किसी भी प्रकार की कोई अनहोनी होने की सूचना सबसे पहले उन्हें चमगादड के हरकत से ही मालूम होता है।कोई भी अनहोनी होने से पूर्व चमगादड जोर-जोर से हल्ला करने लगता है।वहीं रानीपुर गांव के अमोल झा,श्याम कुमार झा,नवीन सहित कई लोगों ने बताया कि गांव के बरगद के पेड पर वर्षो से निवास करने के बाद भी चमगादड आज तक किसी भी बच्चें को नुकसान नहीं पहुंचाया है।बता दें कि रानीपुर गांव के हनुमान की मंदिर के आगे वर्षो से हजारों की संख्या में चमगादड एक बरगद के पेड पर रहते है।उक्त पेड पर रह रहे चमगादड इतने बडे-बडे है कि एक चमगादड का वजन करीब पांच से सात किलो का होगा।गांव की आस्था से जुड चुकी चमगादड लोगों के बीच आज भी कौतूहल का विषय बना हुआ रहता है।




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