पुनौरा धाम, सीतामढी ( जानकी जन्म स्थल )
मिथिला में सीतामढ़ी स पांच किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम मे पुनौरा नामक स्थान पर जगत जननी सीता क जन्म भेल अछि। अहि ठाम रामजानकी क भव्य मंदिर अछि, जानकी कुण्ड के नाम स प्रसिद्द अछि । बाल्मीकि के अनुसार सीतामढ़ी मिथिलाक राजा सीरध्वज ( राजा जनक ) के राज्य के हिस्सा छल। हुनकर राज काल मे मिथिला मे भयंकर सूखा पड़ल। तखन इ भविष्यवाणी भेल जे राज्य क पालनहार जनक यदि स्वयं हल चला खेत मे सीतक (हल स बनल कियारी) निर्माण करथि त बरखा संभव होएत।सीतामढी क पुनौरा मे जखने हल खेत मे जोतल गेल, धरती मे गड़ल एकटा घड़ा निकलल। ओहि मे सअ लक्ष्मी अवतरित भेलीह। जखने जनक हुनका गोद लेलथि, झमाझम बरखा शुरू भ गेल। जगत जननी कए बचेबा लेल जनक एक टा मड़ई (झोपड़ी) मे चलि गेलाह। सीतक स प्रकट भेलाक कारण, जगत जननी क नाम सीता राखल गेल। जे बाद मे वैदेही, जानकी आ मैथिली नाम स सेहो विख्यात भेलीह। ओ मड़ई एखनो सीतामड़ई क नाम स अवस्थित अछि। कहल जाइत अछि, जे सीतामड़ई कालान्तर मे अपभ्रंश भ सीतामढ़ी भ गेल।
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मिथिला में सीतामढ़ी स पांच किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम मे पुनौरा नामक स्थान पर जगत जननी सीता क जन्म भेल अछि। अहि ठाम रामजानकी क भव्य मंदिर अछि, जानकी कुण्ड के नाम स प्रसिद्द अछि । बाल्मीकि के अनुसार सीतामढ़ी मिथिलाक राजा सीरध्वज ( राजा जनक ) के राज्य के हिस्सा छल। हुनकर राज काल मे मिथिला मे भयंकर सूखा पड़ल। तखन इ भविष्यवाणी भेल जे राज्य क पालनहार जनक यदि स्वयं हल चला खेत मे सीतक (हल स बनल कियारी) निर्माण करथि त बरखा संभव होएत।सीतामढी क पुनौरा मे जखने हल खेत मे जोतल गेल, धरती मे गड़ल एकटा घड़ा निकलल। ओहि मे सअ लक्ष्मी अवतरित भेलीह। जखने जनक हुनका गोद लेलथि, झमाझम बरखा शुरू भ गेल। जगत जननी कए बचेबा लेल जनक एक टा मड़ई (झोपड़ी) मे चलि गेलाह। सीतक स प्रकट भेलाक कारण, जगत जननी क नाम सीता राखल गेल। जे बाद मे वैदेही, जानकी आ मैथिली नाम स सेहो विख्यात भेलीह। ओ मड़ई एखनो सीतामड़ई क नाम स अवस्थित अछि। कहल जाइत अछि, जे सीतामड़ई कालान्तर मे अपभ्रंश भ सीतामढ़ी भ गेल।