जितिया (जिमूतवाहन व्रत )
==================
"जितिया पावनि बड़ भारी…धिआ पुता के ठोकि सुतएलौं , अपने खएलौं भरि थारी" ! मिथिला में महिला सब के सब सअ लोकप्रिय "जितिया पाबनि " के इ कहावत बहुत लोकप्रिय अछि ! एक टा माय के अप्पन बच्चा के दीर्घायु होबय के लेल कायल गेल इ पाबनि बहुत कठिनाई भरल होइत अछि ! निराहार आओर निर्जला केर संग उपवास आओर 36 घंटा बाद भोरे- भोर पारण , अहि कारण मिथिला मे एहि पावनि के सभ सअ भारी पावनि कहल जाएत अछि !
व्रत आशिन कृष्ण पक्ष अष्टमी कऽ होइत अछि । मरुआ रोटी ओ माछ खयबाक प्रथा अछि ! व्रत केनिहारि सप्तमी दिन नदी-तालाब में नहा कअ अरबा-अरबाईन खाई छथि। अष्टमी दिन निराहार आ निर्जला रहिकअ ई व्रत होईत अछि । व्रत केनिहारि नहेलाक बाद झिमनिक पात पर खईर आ सरिसो के तेल जितवाहन के चढ़वैत छथि । खीरा, केरा, अँकुरी, अक्षत, पान-सुपारी, मखान, मधूर लऽ कऽ नवेद दैत छथि आ धूप-दीप जरबैत छथि !नवमी दिन फ़ेर ओही तरहें पूजा पाठ कऽ कऽ खीरा, अंकुरी, अक्षत, पान-सुपारी नवेद दऽ धूप=दीप जराकऽ विसरजन करैत छैथ ! जीतिया पावनि मनाबय के पाछा कथा छई, जे एकटा राक्षस एकटा गाम में आतंक मचौने छल जकरा सअ श्रीकृष्ण जी जीमूत वाहन के रूप में अवतार लय रक्षा केलाह !
Follow @BjBikash
==================
"जितिया पावनि बड़ भारी…धिआ पुता के ठोकि सुतएलौं , अपने खएलौं भरि थारी" ! मिथिला में महिला सब के सब सअ लोकप्रिय "जितिया पाबनि " के इ कहावत बहुत लोकप्रिय अछि ! एक टा माय के अप्पन बच्चा के दीर्घायु होबय के लेल कायल गेल इ पाबनि बहुत कठिनाई भरल होइत अछि ! निराहार आओर निर्जला केर संग उपवास आओर 36 घंटा बाद भोरे- भोर पारण , अहि कारण मिथिला मे एहि पावनि के सभ सअ भारी पावनि कहल जाएत अछि !
व्रत आशिन कृष्ण पक्ष अष्टमी कऽ होइत अछि । मरुआ रोटी ओ माछ खयबाक प्रथा अछि ! व्रत केनिहारि सप्तमी दिन नदी-तालाब में नहा कअ अरबा-अरबाईन खाई छथि। अष्टमी दिन निराहार आ निर्जला रहिकअ ई व्रत होईत अछि । व्रत केनिहारि नहेलाक बाद झिमनिक पात पर खईर आ सरिसो के तेल जितवाहन के चढ़वैत छथि । खीरा, केरा, अँकुरी, अक्षत, पान-सुपारी, मखान, मधूर लऽ कऽ नवेद दैत छथि आ धूप-दीप जरबैत छथि !नवमी दिन फ़ेर ओही तरहें पूजा पाठ कऽ कऽ खीरा, अंकुरी, अक्षत, पान-सुपारी नवेद दऽ धूप=दीप जराकऽ विसरजन करैत छैथ ! जीतिया पावनि मनाबय के पाछा कथा छई, जे एकटा राक्षस एकटा गाम में आतंक मचौने छल जकरा सअ श्रीकृष्ण जी जीमूत वाहन के रूप में अवतार लय रक्षा केलाह !