जूड़ शीतल...सतुआइन

अहां सभ के मिथिलांचलक नववर्ष जुड़शीतल आओर सतुआइन केर शुभकामना. गाम घर सं बाहर रहला पर कई बेर पावनि-त्योहार के पता नहि चलैत अछि. मुदा एहि मे फेसबुक बड़ काज करैत अछि.

फेसबुक पर मिथिला-मैथिली सं जुड़ल कइटा ग्रुप अछि आओर अपन मैथिल भाई लोकनि दू-चारि दिन पहिनहिं सं शुभकामना के दौर शुरू करि दय छथिन्ह. एहि सं पता सेहो चलि जाएत अछि जे फलां
पावनि आबि गेल अछि.

अपन मिथिला मे पावनि-त्योहार के खास महत्व अछि. एहि मे जुड़शीतल... चौठचंद्र... कोजगरा... सामा चकेवा... मधुश्रावणी आओर दोसर ठाम शायदे देखय लेल मिलत. ई खासतौर पर मैथिल... मिथिलाक पावनि अछि.

जूड़शीतल दिन घर पर बिछावन पर सुतले रहैत छलौं कि दादी... मां सभ आबि लोटा मे जल लेने सभ के जूड़ाबैत रहैत छलीह. घरे के नहि आसपास के... टोलाभर के काकी... चाची... दादी सभ आबि माथ पर पानि डालि जूड़ाबैत छलीह... आशीर्वाद दैत छलीह.

सभ सं आशीर्वाद लs नहा-सोना...पूजा-पाठ कs सतुआ खाएल जाएत छल. एहि सं पहिने गोसाउन घर मे भगवती के आगां जौ...सतुआ...आमक टिकुला के चढ़ाएल जाएत छल. आजुक दिन पंडित जी के दान-दक्षिणा सेहो देल जाएत अछि.

हम सभ तं भोर मे सतुआ खा कादो-माटि खेलय चलि जाए छलहुं. बड़ मजा आबैत अछि गामक कादो-माटि खेलय मे. आई-काल्हि त देह मे कनि माटि लागि गेल त लोक लड़ाई-झगड़ा करय लागय छथिन्ह. मुदा गाम मे आजुक दिन एहन नहि होएत अछि.

ओना आब गाम मे सेहो लोक एहि सं दूर होए लागलखिन्ह. कादो-माटि कम खेलय छथिन्ह. मुदा एहि सं गामक पोखर...डबरा के सफाई सेहो भए जाएत छल आओर लोक के सेहो माटिक मसाज... उबटन लागि जाए छलन्हि. एहि सं कई तरहक रोगक निदान सेहो होएत अछि.

आजुक दिन तुलसी चौड़ा पर दूटा बांस के सहारे घैल सेहो लटकाएल जाएत अछि. घैल के पेनि मे छोट छेद करि ओहि मे कुश लगा देल जाएत अछि. ओहि कुश दsक जल धीरे-धीरे... ठोपे-ठोप तुलसी जी पर खसैत रहैत अछि.

मंदिर सभ मे शिवलिंग पर सेहो एहन कएल जाएत अछि. मास दिन एना चलैत रहैत अछि. चौबीसों घंटा घैल सं शिवलिंग पर पानि ठोपे-ठोपे खसैत रहैत अछि. आजुक संक्रांति सं अगिला संक्रांति तक जल चढैत रहैत अछि.

आजुक दिन कढ़ी-बड़ी सेहो बनैत अछि. गाम मे भात...कढ़ी-बड़ी... सहजन के सब्जी...आमक चटनी के आनंद लेल जाएत अछि. आमक टिकुला के चटनी आइए सं बननाए शुरू होएत अछि. एक तरहे आई सं एहि सीजन के नवका फसल के खनाय शुरू होएत अछि.

मुदा गाम सं बाहर रहय पर आब एहि सभके बस यादे करैत रहैत छी. पिछला बेर सामा-चकेवा के मौका पर यूथ ऑफ मिथिला के तरफ सं...भवेश नंदनजी सभ के तरफ सं दिल्ली के बिरला मंदिर मे सभ मैथिल लोकनि के जुटानी भेल छल.

एहि ठाम सभ गोटे मिल क सामा चकेवा खेलने छलखिन्ह. उम्मीद अछि जे गाम सं बाहर दोसर पावनि –त्योहार मे ओहने मिलय-जुलय के किछ प्रयास कएल जाएत. जहि सं हमरा सभ के संग नवका पीढ़ी सेहो अपन मैथिल पावनि-त्योहार... संस्कृति सं जुड़ल रहि सकताह.

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