बेनीपट्टी(मधुबनी)। बेनीपट्टी के शिक्षा विभाग में व्याप्त बिचौलियागिरी के कारण प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की कार्यशैली बेदम नजर आ रही है। शिक्षा में सुधार के लिए बीईओ के द्वारा उठाए गए विभागीय प्रयासों को बेदम करने में शिक्षा माफिया दिन-रात जुटे रहते है। सूत्रों की माने तो ऐसे दलाल किस्म के लोग सुबह होते ही बीआरसी के इर्द-गीर्द नजर आने शुरु हो जाते है, जो किसी भी शिक्षक के बीआरसी पहुंचते ही उसे जाल में फांसने की जुगत लगाते रहते है। सूत्रों की माने तो शिक्षकों की दोहन करने में विभाग का ही कर्मी जुटा हुआ रहता है। प्रतिनियोजन को खत्म करने के लिए बीईओ ने साहसिक कदम उठाया तो शिक्षा माफिया तिलमिला कर अब दूसरे स्तर से प्रतिनियोजन का खेल कर रहे है। जानकारी दें कि शिक्षा माफियाओं के करतूत के कारण करीब एक दर्जन से अधिक शिक्षक व शिक्षिकाएं स्कूलों से प्रतिनियोजन करा कर बीआरसी में प्रतिनियोजन कराए हुई थी। जो न तो बीआरसी पर नजर आती थी, न ही किसी भी कार्य में पायी जाती थी। मीडिया के द्वारा उक्त प्रतिनियोजन के खुलासे के बाद हकरत में आयी बीईओ ने सभी प्रतिनियोजन को अपने प्रभाव से रद्द कर दिया था। वहीं बीईओ ने शिक्षा में सुधार के लिए वरीय शिक्षक को प्रभार देने का निर्देश जारी कर दिया। जानकारों ने बताया कि बीईओ के इस पहल से भी शिक्षा माफियाओं की कमर टूटनी शुरु हो गयी। लेकिन, सूत्रों ने बताया कि वरीय शिक्षक को प्रभार दिए जाने के लिखित आदेश के बाद भी स्कूलों में अवैध रुप से कनीय शिक्षक ही प्रभारी की कुर्सी पर बैठकर मलाई खा रहे है। सूत्रों ने बताया कि ऐसे प्रभारी एचएम को बीआसी में तैनात कर्मियों का भी सहारा मिल रहा है। जो नजराना लेकर कनीय शिक्षक का पक्ष बीईओ के समक्ष रखने का काम कर रहे है। बीईओ के द्वारा दिए गए आदेश के बाद भी कनीय शिक्षक के प्रभार रखने की चर्चा जोरों-शोरों से आम बाजार में हो रही है। इस संबंध में पूछे जाने पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मीना कुमारी ने बताया कि वे फिलहाल बाहर है। आने के बाद ऐसे प्रभारी पर कार्रवाई करेगी।


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