बेनीपट्टी(मधुबनी)। वर्ष 2008-10 में हुए पंचायत शिक्षकों के नियोजन में हुए गड़बड़ी पर बड़ी कार्रवाई हुई है। पटना हाईकोर्ट के न्यायदेश के आलोक में निगरानी विभाग के पुलिस इंस्पेक्टर सह जांचकर्ता विनोद कुमार ने बेनीपट्टी थाना में शाहपुर पंचायत के तत्कालीन नियोजन इकाई और पांच शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। दरअसल, एसएम आरिफ ने इस संबंध में पटना उच्च न्यायालय में सीडब्ल्यूजेसी 17111/2016 दायर किया था।
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इस दौरान इसकी जांच निगरानी से शुरू कराई गई। इस मामले की प्रारंभिक जांच तत्कालीन पुलिस इंस्पेक्टर निगरानी अशोक कुमार सिन्हा ने की। तत्कालीन आईओ ने जांच के दौरान बहुत सारी गड़बड़ियों को पकड़ा था। जांचकर्ता के द्वारा निगरानी ब्यूरो के माध्यम से सारे तथ्य व कागजात हाईकोर्ट में समर्पित की गई। जिसमें जांचकर्ता ने एफआईआर की अनुशंसा की थी।
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केस के जांचकर्ता सह वादी ने दर्ज कराए एफआईआर में कहा है कि, तत्कालीन जांचकर्ता के द्वारा समर्पित प्रतिवेदन में बताया कि, वर्ष 2008-10 में ग्राम पंचायत शाहपुर में हुई नियोजन इकाई के सदस्यों के द्वारा कुल पांच शिक्षकों की नियुक्ति की गई। जिसमें संजय राय, रूपम, उदयानंद यादव, रामगुलाम पासवान, एवं किरण कुमारी शामिल थे। जिसमें संजय राय, उदयानंद यादव और रूपम के संबंध में आवेदन पत्र प्राप्ति पंजी या काउंसिल पंजी या मेधा सूची में कूटरचना, छेड़छाड़ और वाइटनर का इस्तेमाल पाया गया। जिससे इसकी नियुक्ति संदिग्ध प्रतीत हो रही है।
निगरानी इंस्पेक्टर ने जांच रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन शाहपुर मुखिया वीणा देवी, पंचायत समिति सदस्य काशीनाथ झा, तत्कालीन पंचायत सचिव रविन्द्र पासवान(मृत) पंचायत शिक्षक कमल कुमार यादव, अमरनाथ सिंह, उदयानंद यादव, संजय राय, रूपम पर सुनियोजित षड्यंत्र के तहत पंचायत शिक्षक के चयन प्रक्रिया के दौरान अभिलेखों में वाइटनर लगाकर ओवरराइटिंग करते हुए आपराधिक षड्यंत्र के तहत छेड़छाड़, कूटरचना करते हुए संजय राय, रूपम और उदया नंद यादव को गलत तरीके से पंचायत शिक्षक के रूप में नियोजित करने का प्रथम दृष्टया अपराध माना है। निगरानी इंस्पेक्टर ने मामले को लेकर शाहपुर के तत्कालीन मुखिया वीणा देवी, पंचायत समिति सदस्य काशी नाथ झा, कमल कुमार यादव, अमरनाथ सिंह, उदया नंद यादव, संजय राय, रूपम के खिलाफ कांड दर्ज कराई है। इस संबंध में बेनीपट्टी एसएचओ सह पुनि गौतम कुमार ने बताया कि निगरानी के द्वारा दिये गए आवेदन के आलोक में एफआईआर दर्ज कर ली गयी है। जांच शुरू हो गयी है।
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