दरभंगा मेडिकल कॉलेज  के औषधि विभाग के विभागाध्यक्ष ने प्राचार्य को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने खुद को पद से हटाने का आग्रह किया है. इसके पीछे उन्होंने ऑक्सीजन की पर्याप्त पूर्ती नहीं होने की वजह बताई है. उन्होंने पत्र के जरिये यह आगाह भी किया है कि अगर इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो कुछ भी बड़ा हादसा ऑक्सीजन की कमी के कारण हो सकता है. इस पत्र को लेकर अब विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला है.


अपने पत्र में विभागाध्यक्ष ने आगाह किया है कि अस्पताल के औषधि विभाग में कोरोना को लेकर आपातकाल जैसी स्थिति है.वार्ड में सैंकड़ो मरीज भर्ती हैं. उन्होंने लिखा कि आपातकाल या महामारी में ऑक्सीजन की उपलब्धता या मेनपावर की उपलब्धता कराना अस्पताल अधीक्षक व प्राचार्य का काम है, लेकिन ऑक्सीजन की कमी होने पर विभागाध्यक्ष को ही दोषी ठहराया जाता है.


इस पत्र के ही एक हिस्से में वो एक घटना का भी जिक्र करते हैं और लिखते हैं कि 6 मई की रात औषधि विभाग में ऑक्सीजन की भारी कमी हो गई और मुझे जानकारी मिली की ऑक्सीजन की कमी में सैंकड़ो मरीज दम तोड़ सकते हैं तो ऐसी स्थिति में मैने अधीक्षक एवं प्राचार्य को त्राहिमाम संदेश भेजा. फिर भी ऑक्सीजन की पूर्ती नहीं होने पर मैने उप विकास आयुक्त महोदय को दुरभाष पर इसकी सूचना दी.


उन्होंने लिखा कि उप विकास आयुक्त महोदय ने अपने आदेश से ऑक्सीजन की आपूर्ती कराई जिससे मरीजों की जान बचाई जा सकी, परंतु समस्या का कोई सार्थक निदान अभी तक नहीं निकल सका है.


विभागाध्यक्ष ने इस पत्र के माध्यम से खुद को इस पद से हटाने और ये जिम्मेदारी किसी और को सौंपने का निवेदन किया है. जिसके बाद राजद के नेता व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाने वाले तेजस्वी यादव ने इस मामले को लेकर एक ट्वीट किया है और सरकार व स्वास्थ्य मंत्री पर जमकर हमला बोला है. अपने ट्वीट में उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री को पद से हटाने की भी मांग कर दी है.


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