बेनीपट्टी (मधुबनी)। नीलगाय व जंगली सुअर के उत्पात से किसान त्रस्त हो गए है। किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नीलगाय व जंगली सुअर किसानों के फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर रहे है। जानवर किसानों के गेंहू के फसल के साथ आम का मंजर, तेलहन व दलहन फसल को बर्बाद कर रहा है। इन जंगली जानवरों के खौफ से किसान खेत पर जाने से भी परहेज कर रहे है। इन दिनों प्रखंड के अधिकांश पंचायतों में नीलगाय व जंगली सुअर के उत्पात से किसानों पर आफत टूट रही है। नीलगाय एक साथ दर्जनों की संख्या में झूंड बनाकर खेत में लगे फसल पर टूट जाते है। बेनीपट्टी के परजुआर, पाली, दामोदरपुर, गंगूली, सरिसब, लदौत, नवकरही, करही, नगवास सहित कई अन्य गांवों के बघार में भारी मात्रा में नीलगाय के साथ जंगली सुअर हो गए है। जो रहस्मयी तरीके से किसान के खेत में आकर फसल चट कर जाते है। किसानों ने बताया कि  पूर्व में जहां फसल उत्पादन में आ रहे व्यवधान को देखते हुए सरकार ने नीलगाय को मारने की आजादी दी तो कुछ हद तक नीलगाय पर लगाम लगाया जा सका था। एक अनुमान के मुताबिक नवकरही से लेकर परजुआर के बघार तक करीब एक सौ से अधिक नीलगाय के साथ जंगली सुअर है। जो दिनों दिन बढ़ते ही जा रहे है। पूर्व मुखिया रामसंजीवन यादव, परजुआर के किसान मुकेश झा, रामप्रसाद, ओमप्रकाश चैधरी, नबोनाथ झा समेत कई किसानों ने बताया कि नीलगाय पर लगाम लगाना बहुत ही आवश्यक है। किसानों को भारी क्षति हो रही है। ऐसी ही स्थिति रही तो किसान खेती से विमुख हो जायेंगे। किसानों ने जिला प्रशासन से समस्या के निदान के लिए पहल किए जाने के साथ किसानों को उचित मुआवजा देने की मांग की है।


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